ममता कुलकर्णी बनीं किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर, पिंडदान के बाद मिला ये नया नाम
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ममता कुलकर्णी बनीं किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर, पिंडदान के बाद मिला ये नया नाम

52 साल की ममता कुलकर्णी एक बार फिर चर्चा में हैं. उन्होंने बड़ा फैसला लेते हुए बॉलीवुड को अलविदा कह दिया है और संन्यासी बनने का फैसला लिया है. वह अब किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनने जा रही हैं.

ममता कुलकर्णी बनीं किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर, पिंडदान के बाद मिला ये नया नाम

बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी लंबे समय तक विवादों में रहीं. कई साल बाद वह भारत भी लौटी हैं. जब वह देश में आईं तो सबको लग रहा था कि वह फिल्मों में वापसी करेंगी. लेकिन एक्ट्रेस ने नई राह पकड़ी हैं. वह महाकुंभ में संन्यासी बन गई हैं. उन्होंने फैसला लिया है कि वह किन्नर अखाड़े महामंडलेश्वर बन गयी हैं. 24 जनवरी की शाम ममता कुलकर्णी संगम पर पिंडदान किया और इस नए रास्ते की शुरुआत की.

ममता कुलकर्णी 52 साल की हो गई हैं. एक्ट्रेस 25 साल बाद भारत लौटी हैं. दिसंबर 2024 में ही उन्हें एयरपोर्ट पर सालों बाद देखा गया. इसके बाद उन्होंने कई इंटरव्यूज दिए आप अपने अतीत पर खुलकर बातचीत की. उन्होंने तब साफ किया था कि वह करियर में अब फिल्मों में वापसी नहीं करेंगी.

ममता का नया नाम
महाकुंभ पहुंचीं ममता कुलकर्णी ने संगम तट पर अपने हाथों से पिंडदान किया. शाम को ममता का पट्टाभिषेक होगा. बता दें, ममता कुलकर्णी को अब यमाई ममता नंद गिरि के नाम से जाना जाएगा. जूना अखाड़े की आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ममता कुलकर्णी को दीक्षा दी. अभिनेत्री महाकुंभ में किन्नर अखाड़े में रह रही हैं. 

पिंडदान करने के बाद ममता कुलकर्णी ने मीडिया से भी बातचीत की. उन्होंने कहा कि आज का दिन गुरुओं ने चुना. मैंने कुछ नहीं किया. ये सब ऊपरवाले की कृपा है. महादेव और महाकाली का आदेश था.

सामने आई फोटोज
अब ममता कुलकर्णी ने एक बार फिर सभी का ध्यान खींचा हैं. उन्होंने महाकुंभ में किन्नर आखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डॉ लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी महाराज और जूना अखाड़े की महामंडलेश्वर स्वामी जय अम्बानंद गिरी से मुलाकात की और ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आईं.

कैसे बनते हैं अखाड़ों में महामंडलेश्वर? 
महामंडलेश्वर का पद न सिर्फ बड़ा बल्कि बड़ी जिम्मेदारी से भरा होता है. इसे बनने के लिए शास्त्री और आचार्य बनना होता है. जब महामंडलेश्वर का चयन होता है तो उन्हें संत की दीक्षा दी जाती है. उन्हें संन्यासी जीवन जीना होता है. ये प्रक्रिया काफी कठिन होती है. उनका पिंडदान उन्हीं के द्वारा कराया जाता है. 

भगवा रूप में नजर आईं
इंस्टाग्राम पर ममता कुलकर्णी की ढेर सारी फोटोज और वीडियोज भी देखने को मिलीं. जहां वह भगवा चोला पहने दिखीं. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि महाकुंभ में आना उनके लिए यादगार पल रहा है. ये उनका सौभाग्य है कि वह इस पवित्र बेला में शामिल हुईं.

90 दशक में चलता था सिक्का
ममता कुलकर्णी बॉलीवुड का हिट नाम रही हैं जिन्होंने कई सुपरस्टार के साथ स्क्रीन शेयर की. लेकिन फिर उनका नाम कई विवादों से जुड़ गया और वह सालों तक विदेश में भी रही. आखिरी बार वह 2003 में एक बांग्लादेशी फिल्म में नजर आई थीं.

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