Banana Farming: नवगछिया के छोटे से गांव ध्रुवगंज निवासी गोपाल जी ने केला की खेती करके से किसानी को भी अच्छी इनकम का जरिया साबित कर दिया है. उनके रास्ते पर चलते हुए स्थानीय किसान अपने जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकते हैं.
बिहार के युवा वैज्ञानिक गोपाल जी आज पीएम मोदी के सपनों को साकार कर रहे हैं. वह केले को ग्रीन गोल्ड बनाने में जुटे हुए हैं. वह केले की खेती करके फल सप्लाई करते हैं. साथ ही केले के पेड़ के पल्प से कई जरूरी चीजों का निर्माण कर रहे हैं.
वह केले से ही सिंगल यूज प्लास्टिक, प्लेट, पेपर और कई चीजें बना रहे हैं. उनके इस काम की सराहना पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कर चुके हैं. गूगल ने उन्हें इंडियाज यंगेस्ट साइंटिस्ट में नम्बर वन पर रखा है.
गोपाल जी ने 9 साल की उम्र में केले के पेड़ से बिजली पैदा की थी. इसके बाद वह केले पर रिसर्च करते चले गए और अब उन्होंने केले के पल्प से प्लेट सिंगल यूज प्लास्टिक पेपर समेत कई चीजों को तैयार किया है.
उनके प्रोडक्ट प्लास्टिक मुक्त होने के कारण पर्यावरण को सुरक्षित रखने में बहुत अहम हैं. बता दें कि नवगछिया केले की खेती के लिए जाना जाता है. किसान पेड़ से केले को काटकर उस पेड़ को फेंक देते हैं लेकिन गोपाल जी ऐसा नहीं कर रहे हैं.
गोपाल जी केले के पेड़ों को खरीदते हैं और उसके पल्प से सिंगल यूज प्लास्टिक प्लेट, पेपर और अन्य चीजें बना रहे हैं. इसका उपयोग भारत में सबसे ज्यादा होने वाला है. गोपाल जी ने दिल्ली में इसका प्लांट लगाया है. जहां बड़े स्तर पर प्लांट लगाने की तैयारी है.
गोपाल जी पर बायोपिक भी तैयार हो रही है. बॉलीवुड के बड़े फिल्म निदेशक उनकी बायोपिक तैयार कर रहे हैं. इन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति और नासा के ऑफर को ठुकराया था, क्योंकि देश में रहकर देश के लिए काम करने की तम्मना है.
गोपाल जी ने चांद पर जाने के लिए रोवर भी तैयार किया था. हालांकि, उस रोवर का चयन नहीं हो सका था. वह मूल रूप से केले को लेकर जाने जाते हैं. लोग उन्हें बनाना बॉय भी कहते हैं.
बता दें कि केले की खेती करने के लिए सबसे अच्छा समय मध्य फरवरी से मार्च का पहला हफ्ता होता है. हमारे देश में केले की लगभग 500 किस्में उगायी जाती हैं. केला का पौधा बिना शाखाओं वाले कोमल तने से तैयार होता है.
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