Crime News: गाजियाबाद में थाना ट्रोनिका सिटी पुलिस ने नवजात तस्करी रैकेट का खुलासा करते हुए दो महिलाओं समेत 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया. पुलिस ने जब एक-एक आरोपी से कड़ी पूछताछ शुरू की तो जो जानकारी मिली, वो किसी भी सामान्य व्यक्ति की रूह कंपा सकती है.
Trending Photos
Ghaziabad Crime News: क्या हो अगर अचानक एक दिन आपकी औलाद अचानक गायब हो जाए या फिर नौ महीने की प्रसव पीड़ा सहने के बाद अस्पताल में महिला को बताया जाए कि उसे मरे हुए बच्चे को जन्म दिया. शायद ये सोचकर आपके दिल में सिहरन पैदा हो जाए, लेकिन इससे भी ज्यादा पीड़ा तब पहुंचेगी, जब पता चले कि उसके जिगर के टुकड़े को मंडी में एक वस्तु की तरह बेच दिया गया वो भी चंद पैसों की खातिर. गाजियाबाद में थाना ट्रोनिका सिटी पुलिस ने नवजात तस्करी रैकेट का खुलासा करते हुए दो महिलाओं समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया.
पुलिस ने जब एक-एक आरोपी से कड़ी पूछताछ शुरू की तो जो जानकारी मिली, वो किसी भी सामान्य व्यक्ति की रूह कंपा सकती है. पूछताछ में पता चला कि वॉट्सऐप पर मानव तस्करी का धंधा फलफूल रहा था. बच्चों को बेचने के लिए 'प्लॉट” नाम के कोडवर्ड का इस्तेमाल किया जा रहा था. दरअसल 4 अगस्त को पूजा कॉलोनी से एक नवजात का अपहरण हुआ. हालांकि चार घंटे की अथक कोशिश के बाद पुलिस ने बच्चे को सकुशल मुक्त कराकर उसे माता-पिता के हवाले कर दिया. इस मामले में मानव तस्करी से जुड़े अफसर अली, नावेद, स्वाती उर्फ साइस्ता और संध्या को पुलिस ने धर लिया. पूछताछ के दौरान पता चला कि उनका नेटवर्क मुरादाबाद, अमरोहा, दिल्ली से लेकर नेपाल और जम्मू-कश्मीर तक फैला हुआ है. गैंग अस्पताल कर्मियों की मिलीभगत से नवजातों को गायब कर लेता था.
अविवाहित लड़की के बच्चे कर दिए जाते थे गायब
अस्पताल में डिलीवरी के लिए आई गरीब और अविवाहित महिलाओं को बताया जाता कि मरा बच्चा पैदा हुआ है और इसके बाद अस्पताल कर्मी नवजात को गैंग के हवाले कर देते थे. इस काम में नर्स, आशा वर्कर और कुछ कथित चैरिटी वर्कर इस रैकेट में शामिल हैं. इतना ही नहीं मौका मिलने पर गैंग नवजात को अगवा भी कर लेता था.
ये भी पढ़ें- गुरुग्राम में युवती से युवक ने की अश्लील हरकत, हेल्पलाइन से भी नहीं मिली मदद
गोरखधंधे में मुरादाबाद और अमरोहा के नर्सिंग होम शामिल
गिरफ्तार आरोपी संध्या ने कबूला कि उसने बच्चे की फोटो कई पार्टियों को भेजी, जिनमें मुरादाबाद और अमरोहा के नर्सिंग होम संचालक शामिल थे. किसी को शक न हो इसलिए नवजात के लिए प्लॉट कोडवर्ड इस्तेमाल किया जाता था. गोरे बच्चे की कीमत ज्यादा और सांवले की कम कीमत होती थी वहीं या लड़का-लड़की की कीमत भी अलग होती थी. एसीपी लोनी सिद्धार्थ गौतम ने पूरा मामला बताने के बाद कहा कि नवजात तस्करी के इस गोरखधंधे में अभी कुछ और चेहरे बेनकाब होने बाकी हैं.
दिल्ली एनसीआर की नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें Delhi-NCR News in Hindi और पाएं Delhi-NCR latest News in Hindi हर पल की जानकारी । दिल्ली एनसीआर की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!