Demolition of Keshav Nagar: बुराड़ी विधानसभा के केशव नगर इलाके में करीब 2 साल पहले DDA विभाग द्वारा डिमोलेशन की कार्रवाई कर केशव नगर में रहने वाले लोगों के घरों को ध्वस्त किया गया था. डीडीए की कार्रवाई को करीब दो साल का समय बीत चुका है.आज तक यहां DDA द्वारा कोई साइन बोर्ड नहीं लगाया गया है.
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Keshav Nagar : दिल्ली के बुराड़ी विधानसभा क्षेत्र के केशव नगर इलाके में रहने वाले लोगों के लिए बीते दो साल किसी बुरे सपने से कम नहीं रहे. करीब दो साल पहले दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) द्वारा अचानक डिमोलिशन की कार्रवाई की गई और देखते ही देखते लोगों के आशियाने मलबे में तब्दील हो गए. उस समय अधिकारियों ने कहा था कि यहां से UER-3 हाईवे निकाला जाएगा, जिसके लिए ये तोड़फोड़ जरूरी है. लोगों को भरोसा था कि उनके उजड़े घरों की जगह सरकार कोई बड़ी परियोजना शुरू करेगी. जिससे क्षेत्र का विकास होगा और उन्हें भी कोई विकल्प मिलेगा, लेकिन दो साल बीत गए और आज तक न कोई निर्माण कार्य शुरू हुआ न कोई योजना जमीन पर उतरी.
जानकारी के अनुसार जो इलाका कभी लोगों की जिंदगी की चहल-पहल से भरा था, आज वहां सिर्फ मलबे का ढेर और सन्नाटा पसरा है. कोई बोर्ड नहीं लगा, कोई अधिकारी दोबारा देखने तक नहीं आया. ना ही वहां कोई हाईवे बना और ना कोई सरकारी दफ्तर, अस्पताल या स्कूल तक नहीं है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि जब तोड़फोड़ की गई, तो उन्हें अपना सामान निकालने तक का समय नहीं मिला. DDA की मशीनें आईं और बिना चेतावनी उनके घरों पर टूट पड़ीं. कई परिवार बेघर हो गए. अब भी वे रिश्तेदारों के यहां या किराए के मकानों में जैसे-तैसे रह रहे हैं.
पीड़ितों का सवाल है कि जब कोई योजना ही नहीं थी, तो उनके घर क्यों तोड़े गए. अगर योजना थी, तो दो साल में उसका एक भी पत्थर क्यों नहीं रखा गया. कुछ लोगों के घर बचे हैं पर वहां ना बिजली है ना पानी और ना कोई सुविधा है. आज ये लोग दिल्ली सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं. उनका सवाल सीधा है – क्या विकास के नाम पर आम आदमी का सब कुछ छीन लेना ही नीति है. क्या उन्हें दोबारा बसाने की कोई जिम्मेदारी नहीं है.
इनपुट- नसीम अहमद
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