Tughlaqabad Fort: दिल्ली में एक ऐसा किला है, जिसे शापित माना जाता है. यह किला दिल्ली के कपतुब मिनार से 8 किलोमीटर की दूरी पर है. ये कोई और नहीं तुगलकाबाद का किला है. इस किले के पास ही दूसरा किला भी बना हुआ है.
दिल्ली का तुगलकाबाद का किला कुतुब मिनार से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इस किल के पास आदिलाबाद का किला भी बना हुआ है. ये किला तुगलकवंश की निशानी है. इस किले का निर्माण गयासुद्दीन तुगलक ने 1325 ईस्वी में करवाया था.
यह मकबरा लाल बलुआ पत्थर से बना हुआ है. इसमें गयासुद्दीन की बेगम और पुत्र का मकबरा भी बना हुआ है. ऐसा बताया जाता है कि ये किला 4 साल में बन गया था. यह किला लगभग 6 किलोमीटर क्षेत्र कवर करता है.
ऐसा बोला जाता है कि यह किला शापित है. इस किले शापित माना जाता है. इस किले को सूफी संत हजरत निजामुद्दीन औलिया ने श्राप दिया था. यह किला दिल्ली के सबसे पुराने किलों में से एक है.
इस किले को लेकर यह भी कहा जाता है कि यह निजामुद्दीन औलिया के शाप के कारण कभी पूरा नहीं हो सका. यह अधूरा ही बना है. इस किले को लेकर कहा जाता है कि निजामुद्दीन औलिया और गयासुद्दीन तुगलक के बीच किसी बात को लेकर अनबन हो गई थी, जिसके बाद संत ने किले को श्राप दे दिया था.
एक कथा के अनुसार, संत निजामुद्दीन औलिया एक बावली बनवा रहे थे. तुगलक ने इस काम को छोड़कर किले के निर्माण लगने का आदेश दिया था. इसे संत नाराज हो गए और कहा कि हजरत दिल्ली उजाड़ हो. इसी श्राप के कारण तुगलकाबाद के किले को कभी पूरा नहीं किया जा सका.