Udaipur Files: सिनेमाघरों में आज रिलीज होगी उदयपुर फाइल्स, HC ने रोक लगाने से किया इनकार
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Udaipur Files: सिनेमाघरों में आज रिलीज होगी उदयपुर फाइल्स, HC ने रोक लगाने से किया इनकार

दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को फिल्म उदयपुर फाइल्स की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. कन्हैया लाल हत्याकांड के आरोपी मोहम्मद जावेद ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था.

Udaipur Files: सिनेमाघरों में आज रिलीज होगी उदयपुर फाइल्स, HC ने रोक लगाने से किया इनकार

Udaipur Files: दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को फिल्म उदयपुर फाइल्स की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. कन्हैया लाल हत्याकांड के आरोपी मोहम्मद जावेद ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था. यह फिल्म आज सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है.

मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. आरोपी मोहम्मद जावेद ने गुरुवार को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाकर फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की थी. उनका दावा था कि अगर फिल्म रिलीज हुई तो निष्पक्ष सुनवाई का उनका अधिकार प्रभावित होगा. बुधवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) ने विवादास्पद फिल्म उदयपुर फाइल्स : कन्हैया लाल टेलर मर्डर के प्रमाणन को चुनौती देने वाली सभी पुनरीक्षण याचिकाओं को खारिज कर दिया.  इससे इसके सार्वजनिक रिलीज का रास्ता साफ हो गया. यह निर्णय कई सप्ताह तक चले कानूनी विवादों, अनेक अपीलों तथा फिल्म के कथित सांप्रदायिक निहितार्थों तथा न्यायिक विचाराधीन मामलों के चित्रण से उपजे व्यापक सार्वजनिक ध्यान के बाद लिया गया.

 6 अगस्त, 2025 को जारी अपने अंतिम फैसले में, मंत्रालय ने कई प्रमुख निष्कर्षों की पुष्टि की. पुनरीक्षण प्राधिकरण ने पाया कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने उचित प्रक्रिया का पालन किया था और प्रमाणन प्रदान करते समय कोई प्रक्रियागत त्रुटि नहीं की थी. इसने यह भी कहा कि फिल्म निर्माताओं ने सीबीएफसी द्वारा आवश्यक 55 कट्स का पालन किया था और अतिरिक्त स्वैच्छिक संपादन भी किए था. इसके अलावा, आदेश में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया कि प्रमाणीकरण को रद्द करने के लिए कोई नया साक्ष्य या ठोस तर्क प्रस्तुत नहीं किया गया.

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सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 की धारा 6(2) का हवाला देते हुए, मंत्रालय इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि फिल्म के वर्गीकरण को निलंबित करने या उसमें बदलाव करने का कोई वैध आधार नहीं है. मंत्रालय ने इस बात पर ज़ोर दिया कि कार्यवाही के दौरान सभी संबंधित पक्षों को अपने विचार रखने का उचित अवसर प्रदान किया गया था. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अनुसार, धारा 6 सरकार को सेंसर बोर्ड द्वारा किसी फिल्म का प्रमाणन रद्द करने और उसके प्रदर्शन को निलंबित करने का अधिकार देती है. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ने दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया कि केंद्र सरकार ने फिल्म ' उदयपुर फाइल्स ' में छह कट लगाने की सिफारिश करने वाले अपने निर्देश को वापस लेने का फैसला किया है. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) के बयान पर गौर करते हुए, दिल्ली उच्च न्यायालय ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग वाली दो याचिकाओं का निपटारा कर दिया. 

फिल्म ' उदयपुर फाइल्स : कन्हैया लाल टेलर मर्डर ' हाल ही में सुर्खियों में रही है, क्योंकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने 11 जुलाई को इसकी रिलीज पर रोक लगाने का आदेश दिया था. यह फिल्म राजस्थान के उदयपुर में एक दर्जी कन्हैया लाल की 2022 में हुई हत्या पर आधारित है, जिसकी दिनदहाड़े दो लोगों ने बेरहमी से हत्या कर दी थी. इससे पहले, पिछले सप्ताह उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को संशोधनों पर नए सिरे से सुनवाई करने और आदेश पारित करने का निर्देश दिया था. उच्च न्यायालय ने आपको केंद्र सरकार के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया है. सुनवाई के बाद पुनरीक्षण प्राधिकारी बुधवार को पुनरीक्षण याचिका खारिज कर देंगे.

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