Delhi News: उफान पर यमुना, खादर के निचले इलाकों में खेती करने वाले किसानों की बड़ी चिंता
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Delhi News: उफान पर यमुना, खादर के निचले इलाकों में खेती करने वाले किसानों की बड़ी चिंता

राजधानी दिल्ली की यमुना नदी इन दिनों डेंजर जोन में बह रही है. आज सुबह ओल्ड रेलवे ब्रिज के पास यमुना का जलस्तर 204.79 मीटर मापा गया. हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से 36409 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है.

Delhi News: उफान पर यमुना, खादर के निचले इलाकों  में खेती करने वाले किसानों की बड़ी चिंता

Delhi News: राजधानी दिल्ली की यमुना नदी इन दिनों डेंजर जोन में बह रही है. आज सुबह ओल्ड रेलवे ब्रिज के पास यमुना का जलस्तर 204.79 मीटर मापा गया. हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से 36409 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. यह स्थिति दिल्लीवासियों के लिए चिंता का विषय बन गई है.

उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी इलाकों में लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है. इसके परिणामस्वरूप, हरियाणा से 36 हजार से 41 हजार क्यूसेक पानी हर घंटे यमुना में छोड़ा जा रहा है. इस बारिश के कारण कई स्थानों पर बादल फटने और लैंडस्लाइड की घटनाएं भी हो रही हैं, जिससे तबाही मची हुई है. पहाड़ी इलाकों में आ रही जल प्रलय का असर अब मैदानी क्षेत्रों में भी देखने को मिल रहा है. दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण प्रशासनिक अधिकारियों को मुस्तैद होना पड़ा हैं. आज सुबह ओल्ड रेलवे ब्रिज पर जलस्तर 204.79 मीटर मापा गया. यदि यह स्तर 205.33 मीटर तक पहुंचता है, तो निचले रिहायसी क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ जाएगा. ऐसे में फ्लड विभाग ने पहले से ही कई तैयारी कर रखी है.

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यमुना खादर के निचले इलाकों जैसे बुराड़ी, जगतपुर, वजीराबाद, सोनिया विहार, और उस्मानपुर में रहने वाले लोगों को पहले ही चेतावनी दी जा चुकी है. बढ़ते जलस्तर के कारण उन्हें धीरे-धीरे जगह खाली करने के आदेश दिए जा रहे हैं. यह स्थिति किसानों के लिए चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि उनकी फसलें बर्बादी के कगार पर हैं. किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर ने उनकी मेहनत पर पानी फेरने का खतरा पैदा कर दिया है. ऐसे में, किसानों को उचित सहायता और जानकारी की आवश्यकता है, ताकि वे अपने फसलों को सुरक्षित रख सकें.

दिल्ली में आधा मानसून गुजर चुका है, लेकिन पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश ने चिंता बढ़ा दी है. इस बार की बारिश ने दिल्ली की सरकारों को गंभीरता से सोचने पर मजबूर कर दिया है. 
इस साल यमुना नदी ने 1978 की बाढ़ का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, जिससे दिल्ली में काफी नुकसान हुआ है. कई सड़कों पर महीनों तक बाधित रहने की स्थिति उत्पन्न हुई. ऐसे में, प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं ताकि ऐसी स्थिति दोबारा न बने.

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