Faridabad Parson Temple: फरीदाबाद का परसोन मंदिर, जो त्रेता युग से जुड़ा हुआ माना जाता है, धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल है. यह मंदिर अरावली की पहाड़ियों के बीच स्थित है और न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि प्राकृतिक सुंदरता का भी अद्वितीय अनुभव कराता है. मान्यता है कि महर्षि पाराशर ने इसी स्थान पर तपस्या की थी, और उन्हीं के नाम पर इस मंदिर का नाम परसोन पड़ा.
मंदिर के महंत अमरदास जी ने बताया कि परसोन मंदिर का इतिहास त्रेता युग से जुड़ा है. महंत जी के अनुसार, जब भगवान हनुमान संजीवनी बूटी लेकर जा रहे थे, तो वे यहां महर्षि पाराशर से मिलने आए थे. हनुमान जी के चरण चिन्ह उस पवित्र शीला पर आज भी मौजूद हैं, जहां उन्होंने अपने चरण रखे थे. यह स्थान श्रद्धालुओं के लिए महाशक्ति स्थल बन चुका है, और लोग यहां आकर दिव्य ऊर्जा का अनुभव करते हैं.
मंदिर के पास में ही एक छोटा सा तालाब है, जिसमें पहाड़ों से रिसता पानी आता रहता है. बारिश के समय में यहां पर झरना भी बन जाता है. मंदिर की लोकेशन काफी नीचे होने के कारण यह जगह हर तरह के शोर-शराबे से दूर है. यहां आने वाले लोगों को केवल पक्षियों की चहचहाट सुनाई देती है, जिससे उन्हें सुखद शांति का अनुभव होता है.
परसोन मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह स्थान प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिकता का अद्वितीय संगम भी है. यहां का शांत वातावरण और ऐतिहासिक महत्व श्रद्धालुओं को बार-बार आने के लिए प्रेरित करता है. मंदिर के चारों ओर हरियाली और पहाड़ियों की पृष्ठभूमि इसे और भी आकर्षक बनाती है.
मंदिर के निरंतर विकास ने इसे श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख पर्यटन स्थल में बदल दिया है. अब यहां कई भव्य मंदिर और सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो श्रद्धालुओं के अनुभव को और भी दिव्य बनाते हैं.
परसोन मंदिर आज भी त्रेता युग की गाथाओं को जीवंत बनाए हुए है. यह स्थान हर श्रद्धालु के लिए आध्यात्मिक और मानसिक शांति का केंद्र है. यहां की अद्वितीयता और आध्यात्मिक ऊर्जा इसे न केवल स्थानीय बल्कि देशभर के भक्तों के लिए एक पवित्र स्थल बनाती है.