GDA Area Will Increase: मास्टर प्लान 2031 लागू होने के बाद गाजियाबाद, डासना, मुरादनगर, मोदीनगर और लोनी जैसे इलाकों में करीब 130 हेक्टेयर जमीन का इस्तेमाल बदल जाएगा. इसमें गाजियाबाद और डासना में 50 हेक्टेयर, मोदीनगर और मुरादनगर में 60 हेक्टेयर और लोनी में 20 हेक्टेयर जमीन अब रहने के लिए मकान, व्यापार और उद्योगों के लिए इस्तेमाल की जाएगी.
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Ghaziabad Development Authority: गाजियाबाद में सुनियोजित विकास की एक नई लहर आने वाली है. गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने राजनगर एक्सटेंशन और मोदीनगर को प्राथमिकता देते हुए इन क्षेत्रों का जोनल प्लान तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. जीडीए की यह पहल मास्टर प्लान 2031 के तहत की जा रही है, जिसमें पूरे शहर को व्यवस्थित और आधुनिक स्वरूप देने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. अधिकारियों के अनुसार जीडीए सबसे पहले इन दोनों क्षेत्रों का व्यापक सर्वेक्षण करेगा, जिसके आधार पर क्षेत्र की वर्तमान स्थिति और भविष्य की जरूरतों को समझा जाएगा. इसके बाद जोनल प्लान तैयार कर इसे लागू किया जाएगा, ताकि विकास योजनाओं को स्पष्ट दिशा मिल सके.
नया मास्टर प्लान और नई योजना
फिलहाल गाजियाबाद क्षेत्र को आठ जोनों में बांटा गया है, लेकिन मास्टर प्लान 2031 के तहत इसे बढ़ाकर 15 जोनों में विभाजित किया जाएगा. इसका उद्देश्य शहर के हर हिस्से को योजनाबद्ध तरीके से विकसित करना है. शासन ने मास्टर प्लान को संशोधित करने की मंजूरी दे दी है और इसके आधार पर जीडीए अब जोनल प्लान पर काम करेगा. जीडीए सचिव राजेश कुमार सिंह का कहना है कि मास्टर प्लान 2031 के लागू होने के साथ ही जोनल प्लान भी तैयार किए जाएंगे. राजनगर एक्सटेंशन और मोदीनगर में यह काम सबसे पहले शुरू होगा, उसके बाद अन्य क्षेत्रों की बारी आएगी.
130 हेक्टेयर जमीन का बदलेगा उपयोग
मास्टर प्लान 2031 के लागू होने से गाजियाबाद जिले के गाजियाबाद, डासना, मुरादनगर, मोदीनगर और लोनी क्षेत्रों में करीब 130 हेक्टेयर भूमि का लैंड यूज बदल जाएगा. इसमें गाजियाबाद और डासना में 50 हेक्टेयर, मोदीनगर और मुरादनगर में 60 हेक्टेयर और लोनी में 20 हेक्टेयर जमीन का उपयोग अब आवासीय, व्यवसायिक और औद्योगिक रूप में किया जाएगा. इस बदलाव से न सिर्फ इन क्षेत्रों का विकास होगा, बल्कि लोगों को भी बेहतर आवास और रोजगार के अवसर मिलेंगे. जीडीए के पास वर्तमान में 184 गांवों की 3,889 हेक्टेयर जमीन का दायरा है, जिसमें योजनाबद्ध तरीके से काम करके पूरे क्षेत्र को विकास की नई राह पर लाया जाएगा. यह कदम गाजियाबाद को एक स्मार्ट और सुविधाजनक शहर में तब्दील करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है.
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