Haryana News: हरियाणा के रोहतक में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के VC प्रो. राजबीर सिंह पर घोटाले का आरोप लगा है. INSO के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप देशवाल ने आरोप लगाया कि यूनिवर्सिटी में वीसी ने लूट मचा रखी है. जनता के पैसों का दुरुपयोग करने के साथ ही लूटने का काम किया जा रहा है.
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Rohtak News: रोहतक में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के VC प्रो. राजबीर सिंह पर घोटाले का आरोप लगाते हुए INSO के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप देशवाल और अन्य सदस्य पीजीआई थाना पहुंचे और मामले में थाना प्रभारी को शिकायत दी. इनसो छात्र संघ ने मामले में केस दर्ज कर वीसी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. वहीं महर्षि दयानंद के रजिस्ट्रार ( कुलसचिव )ने सभी आरोपो को सिरे से नकारते हुए कहा ये पूरा मामला सरकार की सहमति से एक कमेटी बनाई गई थी, जिसमे पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा भी थे.
घोटाले का लगा आरोप
इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप देशवाल ने कहा कि MDU जनता के पैसे से चलता है, क्योंकि यूनिवर्सिटी को कोई सरकारी ग्रांट नहीं मिलती. प्रदीप देशवाल ने आरोप लगाया कि यूनिवर्सिटी में वीसी ने लूट मचा रखी है. जनता के पैसों का दुरुपयोग करने के साथ ही लूटने का काम किया जा रहा है, जिसके सबूत अब उनके पास आ गए है. ऑडिट रिपोर्ट में हुआ घोटाले का खुलासा प्रदीप देशवाल ने बताया कि एमडीयू में कई करोड़ रुपए के घोटाले का खुलासा सरकार की ऑडिट रिपोर्ट में उजागर हुआ है. यह सारी चीजें ऑन रिकॉर्ड हो चुकी है. ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर पीजीआई थाने में शिकायत दी गई है. उम्मीद है कि जल्द ही मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू होगी घोटाले में प्रोफेसर व एक्जीक्यूटिव काउंसिल के लोग शामिल.
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इतने करोड़ ते घोटाले का लगा आरोप
प्रदीप देशवाल ने बताया कि MDU में करीब ढाई करोड़ रुपए के घोटाले का मामला सामने आया है, जिसमें एक्जीक्यूटिव काउंसिल के कुछ लोग और कुछ सीनियर प्रोफेसर भी शामिल है. उनकी जिम्मेदारी थी एमडीयू के पैसों को बचाना, लेकिन वो लोग करोड़ों रुपए के गबन मामले में शामिल रहे. यह बात सरकारी आंकड़ों में सामने आई है. वहीं इके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज होना चाहिए. प्रदीप देशवाल ने बताया कि घोटाला करीब ढाई करोड़ रुपए का है. ऑन रिकॉर्ड जिन लोगों के हस्ताक्षर रिपोर्ट पर है. उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए. इनसो छात्र संघ पहले भी कई बार इस मुद्दे हो उठा चुका है और अब सरकारी ऑडिट और सरकारी संस्थाओं ने उनकी बात पर मोहर लगाने का काम किया है. इस मामले में आपराधिक मुकदमा दर्ज होना चाहिए था, जिसके लिए शिकायत दी है.