India-Pakistan Ceasefire: भारत-पाक के बीच हुए सीजफायर पर लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के पिता राजेश नरवाल ने कहा कि सीजफायर की तो राष्ट्र की अपनी एक कूटनीति होती है और अपनी नीतियां होती है.
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Karnal News: करनाल भारत-पाक के बीच हुए सीजफायर पर लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के पिता राजेश नरवाल ने अपना दृष्टिकोण रखा. उन्होंने कहा कि इस सीजफायर को मैं कई दृष्टिकोण से देखता हूं. पहला-22 अप्रेल का बुजदिली वाला कायरना हमला था, जिसमें विनय भी शहीद हुआ और आज हमारे बीच में नहीं है. उस दुर्घटना का बदला भारत सरकार ने बहुत अच्छे से लिया है. हमारी सेनाओं ने आतंकियों के ठिकानों पर हमला किया और आतंकियों को पनाह देने वालो पर भी कड़ा रूख दिखाया. सेना की कार्रवाई काबिले तारीफ है.
राष्ट्र की अपनी एक कूटनीति होती
अब बात करे सीजफायर की तो राष्ट्र की अपनी एक कूटनीति होती है और अपनी नीतियां होती है. अन्य देश भी इससे अछूते नहीं रहते. राष्ट्र अध्यक्ष और देश के प्रधानमंत्री जो निर्णय लिया है. हम इस निर्णय से सहमत है. अगर पाकिस्तान सीजफायर का उलंघन करता है तो उसको खत्म कर देना चाहिए. उसी वक्त बलूचिस्तान बन जाना चाहिए और पीओके पर हमारा कब्जा होना चाहिए. पाकिस्तानियों के पड़ोसी मुल्क भी इनसे परेशान है. अगर पाकिस्तान ने दोबारा हिमाकत की तो इसका अंजाम भी ऐसा ही होगा, क्योंकि पूरी दुनिया के सभी राष्ट्र आतंकवाद के मुद्दे पर एकजुट . सभी चाहते है कि इस आतंकवाद रूपी राक्षस को पूरी तरह से खत्म किया जाए. तभी हम सौहार्द के साथ रह सकते है.
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3 अंगों को बधाई
भारतीय सेना के 3 अंगों को बधाई है. उनके मनोबल के लिए शाबाशी है, जिस तरह से प्रधानमंत्री ने ऑपन हैंड किया और हमारी सेना के जवानों ने मनोबल के साथ इस लड़ाई को लडा और बदला लिया. भविष्य में यदि कोई आतंकवादी गतिविधि करेगा तो उसका फन ऐसे ही कुचला जाएगा. दूसरा जितने भी पाकिस्तान ने नापाक इरादे के साथ अपनी सीमा के अंदर ड्रोन भेजा और मिसाइल से हमला किया, उसका मुहं तोड़ जवाब हमारी सेना ने दिया.
मीडियो के माध्यम से भी खबरे मिली है कि हमारे तीन-चार जवान शहीद हुए हैं. उन परिवारों को बड़ी क्षति हुई है, उन परिवार को भगवान यह दुख सहने की शक्ति दे, क्योंकि इस दुख को मैने महसूस किया है. राष्ट्र ने अपना काम किया है और बदला लिया है. यह नेशन के हिसाब से ठीक है और सराहनीय है, लेकिन पर्सनल लॉस हुआ है. उसकी क्षतिपूर्ति कभी नहीं हो सकती. हमारी तो दुनिया ही उजड़ चुकी है, जीवन का कोई मोटिव ही नहीं है. इस दर्द के साथ जीना पड़ेगा.
Input- KAMARJEET SINGH