Who is real owner of Noida: नोएडा किसी व्यक्ति या निजी संस्था की संपत्ति नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रबंधित एक औद्योगिक और आवासीय शहर है. नोएडा प्राधिकरण यहां के विकास और प्रशासन का कार्यभार संभालता है.
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NOIDA: नोएडा जिसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) का आधुनिक और योजनाबद्ध शहर कहा जाता है. अक्सर एक सवाल उठता है कि नोएडा का मालिक कौन है? क्या यह किसी निजी कंपनी का हिस्सा है और क्या यह दिल्ली सरकार के अधीन आता है या फिर केंद्र सरकार का इस पर नियंत्रण है. आइए जानते हैं दिल्ली एनसीआर में स्थित नोएडा के असली मालिक और प्रशासनिक ढांचे के बारे में.
कैसे हुआ नोएडा का गठन
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नोएडा (New Okhla Industrial Development Authority) की स्थापना 17 अप्रैल 1976 को उत्तर प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम के तहत हुई थी. इसका उद्देश्य दिल्ली की बढ़ती आबादी और उद्योगों को एक नए और सुनियोजित शहर में स्थानांतरित करना था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पुत्र और कांग्रेस नेता संजय गांधी की पहल से यूपी औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम के तहत इस योजना को मंजूरी दी थी.
कौन है नोएडा का असली मालिक?
नोएडा किसी एक व्यक्ति या निजी कंपनी का हिस्सा नहीं है. यह उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शासित एक प्राधिकरण है, जिसे नोएडा प्राधिकरण (NOIDA Authority) कहा जाता है. यह प्राधिकरण उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास विभाग के अंतर्गत आता है. नोएडा का प्रशासनिक नियंत्रण उत्तर प्रदेश सरकार के हाथ में होता है और इसका सीधा प्रबंधन नोएडा अथॉरिटी के चेयरमैन और CEO द्वारा किया जाता है. यह प्राधिकरण भूमि आवंटन, विकास योजनाओं और बुनियादी ढांचे का कार्यभार संभालता है.
नोएडा प्राधिकरण की भूमिका
क्या नोएडा केंद्र शासित क्षेत्र है?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नोएडा केंद्र शासित क्षेत्र नहीं है. यह उत्तर प्रदेश का ही एक हिस्सा है और राज्य सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण में आता है. हालांकि, यह दिल्ली से सटा हुआ होने के कारण एनसीआर (National Capital Region) में शामिल है, जिससे इसका महत्व बढ़ जाता है.
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में क्या फर्क है?
नोएडा और ग्रेटर नोएडा, दोनों अलग-अलग औद्योगिक प्राधिकरणों के अंतर्गत आते हैं. नोएडा प्राधिकरण (NOIDA Authority) और ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GNIDA) दो अलग-अलग संस्थाएं हैं, लेकिन दोनों का नियंत्रण उत्तर प्रदेश सरकार के पास है.
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