Indore SGSITS News: तकनीकी शिक्षा के लिए अमेरिका, आस्ट्रेलिया जैसे देशों को छोड़ कर मध्य प्रदेश के इंदौर में विदेशी छात्र पढ़ने के लिए आ रहे हैं. इंदौर के SGSITS में लगभग 37 छात्रों ने एडमिशन करवाया है, जो कि सबसे बड़ा रिकॉर्ड माना जा रहा है.
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MP Education News: मध्य प्रदेश का अब विदेशों में डंका बज रहा है. चाहे व्यापार हो या फिर शिक्षा के क्षेत्र में हर मामले में प्रदेश अपनी अलग पहचान बना रहा है. अक्सर आपने देखा होगा, कि लोग टेक्नीकल एजुकेशन के लिए छात्र विदेश को ज्यादा प्राथमिकता देते हैं. इनमें रूस, जर्मनी, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जैसे देशों में पढ़ाई के लिए जाते हैं. लेकिन पहली बार लगभग 37 विदेशी छात्रों ने तकनीकी शिक्षा के लिए मध्य प्रदेश को चुना है.
मिली जानकारी के मुताबिक, श्री गोविंदराम सेकसरिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, इंदौर ने अपनी पहचान विदेशों तक बना ली है. इस कॉलेज में विदेशी छात्रों की संख्या अब 3 से बढ़कर 37 हो गई है. अभी इस संख्या में और इजाफा होने की उम्मीद जताई जा रही है, क्योंकि प्रवेश प्रक्रिया की अंतिम तारीख 20 अगस्त बताई जा रही है. ऐसे में माना जा रहा है, कि यह संख्या 50 पार हो सकती है. आपको बता दें कि SGSITS में कुल 1500 सीटें हैं, जिनमें से 15 फीसदी सीटें कोटे के तहत विदेशी छात्रों के लिए आरक्षित होती है. पहले कुछ ही सीटें भर पाती थी, लेकिन इस साल बड़ा रिकॉर्ड बन गया है.
37 विदेशी छात्रों का प्रवेश
SGSITS से मिली जानकारी के अनुसार, इन 37 विदेशी छात्रों ने SGSITS में एडमिशन लिया हैं, इनमे सभी तंजानिया, यूक्रेन, इंडोनेशिया, वियतनाम, दुबई, वेनिस और अन्य एशियाई-अफ्रीकी जैसे देशों से आए हैं. इन छात्रों में सबसे ज्यादा विद्यार्थी UG और कुछ ने PG में प्रवेश लिया है. आपको भी पता होगा कि आईआईटी इंदौर जैसे संस्थान सीधे एडवांस टेक्नोलॉजी की पढ़ाई करवाते हैं, जो तंजानिया, इंडोनेशिया, वियतनाम, जैसे देशों के लिए काफी मुश्किल मानी जाती है.
विदेशों में लाखों की फीस
श्री गोविंदराम सेकसरिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, इंदौर ने इन छात्रों समझा और परखा, उनके आधार पर ही कॉलेज की तरफ से 6 महीने की बेसिक ट्रेनिंग का भी प्रावधान किया गया है. आपने देखा होगा, कि विदेशों, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका जैसे देशों में तकनीकी शिक्षा की फीस लाखों में होती है. लेकिन यहां पर कुल लागत का उन देशों की फीस का सिर्फ 15 फीसदी है.
छात्रों की संख्या में तेजी
एसजीएसआइटीएस के डायरेक्टर नितेश पुरोहित ने बताया कि विदेशी छात्र अंग्रेजी में पूरी तरह से दक्ष नहीं होते हैं. आईआईटी या एनआईटी जैसे संस्थानों में कम्युनिकेशन चुनौती बन जाता है. इसी लिए एसजीएसआइटीएस सरल भाषा में उनको पढ़ाया जा रहा है और भाषा के बारे में जानकारी भी दी जा रही है. उन्होंने बताया कि इस बार संस्थान में विदेशी छात्रों की संख्या में काफी तेजी देखने को मिली है. विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिए और प्रयास किए जाएंगे.
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