ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को दी पश्चाताप करने की सलाह, कहा-हर साल 25 जून को...
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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को दी पश्चाताप करने की सलाह, कहा-हर साल 25 जून को...

Jyotiraditya Scindia: ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पर बड़ा निशाना साधा है. उन्होंने आपातकाल को लेकर कहा कि कांग्रेस को हर साल 25 जून के दिन पश्चाताप दिवस मनाना चाहिए. 

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पर साधा निशाना
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पर साधा निशाना

MP Politics News: देश में आपातकाल लगने के 50 साल पूरे हो चुके हैं. इस मुद्दे पर एक बार फिर देश की सियासत गर्म है. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पर बड़ा निशाना साधा है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा. उनका कहना है कि कांग्रेस को हर साल पश्चताप दिवस मनाना चाहिए. वहीं सिंधिया ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की पोस्ट को भी रीपोस्ट करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जिस पार्टी ने 25 जून के दिन बाबा साहब अंबेडकर के संविधान को पैरों में कुचला था, वहीं दल आज संविधान की बातें कर रहा है. 

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने क्या कहा 

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा '25 जून 1975 भारतीय लोकतंत्र का काला दिन था, जब कांग्रेस की तानाशाही मानसिकता ने देश पर जबरन आपातकाल थोप दिया. हर वर्ष इस दिन को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में याद करते हैं, ताकि लोकतंत्र की रक्षा में दिए गए बलिदानों को भुलाया न जा सके. आपातकाल की 50वीं बरसी पर उन सभी लोकतंत्र सेनानियों को विनम्र नमन, जिन्होंने अत्याचार सहकर भी लोकतंत्र को पुनः स्थापित किया.' वहीं इससे पहले कल उन्होंने ग्वालियर में कहा था कि केवल हाथ में संविधान लेकर घूमने से कुछ नहीं होता है, अगर संविधान के प्रति इज्जत हैं तो उसे दिल में उतारना चाहिए. 25 जून के दिन हर साल कांग्रेस को पश्चाताप दिवस मनाना चाहिए.'

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वहीं सिंधिया ने अमित शाह की पोस्ट को भी रीपोस्ट किया जिसमें अमित शाह ने लिखा 'आपातकाल कांग्रेस की सत्ता की भूख का 'अन्यायकाल' था, 25 जून 1975 को लगे आपातकाल में देशवासियों ने जो पीड़ा और यातना सही, उसे नई पीढ़ी जान सके, इसी उद्देश्य से मोदी सरकार ने इस दिन को 'संविधान हत्या दिवस' का नाम दिया. यह दिवस बताता है कि जब सत्ता तानाशाही बन जाती है, तो जनता उसे उखाड़ फेंकने की ताकत रखती है. आपातकाल कोई राष्ट्रीय आवश्यकता नहीं, बल्कि कांग्रेस और एक व्यक्ति की लोकतंत्र विरोधी मानसिकता का परिचायक था. प्रेस की स्वतंत्रता कुचली गई, न्यायपालिका के हाथ बांध दिए गए और सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेल में डाला गया. देशवासियों ने 'सिंहासन खाली करो' का शंखनाद किया और तानाशाही कांग्रेस को उखाड़ फेंका. इस संघर्ष में बलिदान देने वाले सभी वीरों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि.'

वहीं ग्वालियर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को लेकर जारी विवाद पर भी सिंधिया ने कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा 'संविधान को लेकर हाथ में लेकर यह पार्टी घूमती है. उसे आत्मा में बसाना पड़ता है. कांग्रेस ने ही देश पर आपातकाल थोप दिया था, जो भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला अध्याय था. जो संविधान को रौंदने वाले हैं, वहीं आज संविधान की दुहाई दे रहे हैं.' (सोर्स सोशल मीडिया) 

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