रेल यात्रियों की बढ़ी टेंशन! भोपाल स्टेशन पर घंटों देरी से पहुंच रही ट्रेनें, जानें वजह
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रेल यात्रियों की बढ़ी टेंशन! भोपाल स्टेशन पर घंटों देरी से पहुंच रही ट्रेनें, जानें वजह

Bhopal Railwa News: इस मानसून सीजन में रेल यात्रियों को बड़ा झटका लगा है. प्रदेश में भारी बारिश के चलते कई ट्रेनें लेट से चल रही है. जिसके चलते यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

रेल यात्रियों की बढ़ी टेंशन!
रेल यात्रियों की बढ़ी टेंशन!

Bhopal Railway Station: मध्य प्रदेश के रेल यात्रियों को बड़ा झटका लगा है. प्रदेश में भारी बारिश के चलते ट्रेनों की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है. इसका सीधा असर भोपाल जाने वाली गाड़ियों पर पड़ा है. मिली जानकारी के मुताबिक, सोमवार को विभिन्न रूटों में भोपाल आने वाली कई ट्रेनें अपने निर्धारित समय में कई घंटे देरी से पहुंचने की संभावना है. इस वजह से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. 

आपको बता दें कि रीवा-चर्लापल्ली एक्सप्रेस ट्रेन (01704) भोपाल स्टेशन पर सबसे ज्यादा 14 घंटे देरी से पहुंची. रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार, इन दिनों विभिन्न रेल मंडलों में नान इंटरलाकिंग का काम और बारिश के कारण ट्रैक मरम्मत चल रहा है. इसके चलते भोपाल की ओर आने वाली ट्रेनें समय पर नहीं पहुंच रही हैं, विशेष रूप से पंजाब, दिल्ली और मुंबई रूट से आने वाली ट्रेनें सबसे अधिक प्रभावित रहीं हैं.
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टिकट भी मिलना मुश्किल
मिली जानकारी के मुताबिक, रेलवे की नई वेटिंग टिकट व्यवस्था लागू होने के बाद ग्वालियर स्टेशन से गुजरने वाली अधिकतर ट्रेनों में नो-रूम की स्थिति बन गई है. अब सिर्फ 100 सीटों पर 25 ही वेटिंग टिकट जारी किए जा रहे हैं, जिससे लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों को भारी दिक्कत हो रही है. मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु और जम्मू जैसी जगहों के लिए जाने वाली ट्रेनों में वेटिंग टिकट भी मिलना मुश्किल हो गया है. पहले जहां यात्री वेटिंग टिकट लेकर आगे की उम्मीद लगाए रखते थे, अब वैसा भी विकल्प नहीं बचा है.

डिब्बों में धक्का-मुक्की
ग्वालियर से होकर गुजरने वाली प्रमुख ट्रेनों जैसे मंगला एक्सप्रेस, केरला एक्सप्रेस, पातालकोट, कर्नाटक और भोपाल एक्सप्रेस इन सभी में अगले कई दिनों तक नो-रूम यानी सीटें पूरी तरह भर चुकी हैं. इस वजह से कई यात्री तत्काल टिकट मिलने की उम्मीद में स्टेशन पर लाइन लगाते हैं, लेकिन वहां भी अधिकतर निराशा ही हाथ लग रही है. खासतौर पर उन लोगों के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है जिन्हें अचानक किसी जरूरी काम या आपात स्थिति में यात्रा करनी होती है. अब ऐसे लोग मजबूरी में जनरल डिब्बों में धक्का-मुक्की के बीच सफर करने को मजबूर हैं.

नई व्यवस्था का असर
इस नई व्यवस्था का सबसे ज्यादा असर बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों पर पड़ा है. जिन्हें पहले वेटिंग टिकट मिलने के बाद भी किसी न किसी तरह यात्रा का मौका मिल जाता था, अब उन्हें रिजर्व कोच में चढ़ने का मौका भी नहीं मिल पा रहा. उत्तर मध्य रेलवे का कहना है कि रिजर्व कोच में भीड़ को कम करने के लिए वेटिंग टिकट की संख्या घटाई गई है, ताकि जिनके पास कन्फर्म टिकट हो वे शांति से यात्रा कर सकें. लेकिन इसका सीधा असर आम यात्री की सुविधा पर पड़ा है, खासकर ग्वालियर जैसे ट्रांजिट स्टेशन के यात्रियों के लिए यह बदलाव काफी परेशानी भरा साबित हो रहा है.

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