MP Largest Dam: मध्य प्रदेश में छोटी-बड़ी मिलाकर 200 से अधिक नदियां बहती हैं. कई बड़ी नदियों पर जगह-जगह बांध बनाए गए हैं. ताकि पानी को नियंत्रित किया जा सके. एमपी में मानसून की एंट्री हो गई है. ऐसे में नदियों और बाधों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा बांध कहां और किस नदी पर है. इस बांध में कितने गेट हैं. अगर नहीं तो चलिए जानते हैं....
दरअसल, खेती के साथ-साथ बिजली बनाने के लिए नदियों में जगह-जगह बांध बनाकर पानी को स्टोर करते हैं. इन पानी का उपयोग फसलों की सिंचाई और बिजली उत्पान के लिए किया जाता है. यूं कहे तो नदियों पर बने ये बांध मानव समाज को ऊर्जा उत्पादन और जल प्रबंधन समेत कई तरह के लाभ प्रदान करते हैं. मध्य प्रदेश में इंदिरा सागर बांध, ओंकारेश्वर बांध, तिघरा बांध, तवा बांध, बरगी बांध, बारना बांध और बकिया बैराज समेत कई बड़े और प्रमुख बांध हैं.
भारत के दिल मध्य प्रदेश में नदियों की सर्वाधिक संख्या होने के चलते इसे नदियों का मायका कहा जाता है. यहां नदियों का साथ-साथ यहां कई बड़े बांध भी हैं. जिनका सिंचाई और बिजली उत्पादन में अहम योगदान है.
मानसून का सीजन चल रहा है. ऐसे में बाधों के माध्यम से ही नदियों के प्रवाह को नियंत्रित करके बाढ़ के खतरे को कम करते हैं. बरसात के दिनों में नदियों में आने वाली अतिरिक्त पानी को बांध के माध्यम से रोका जाता है. फिर इसे धीरे-धीरे छोड़ा जाता है. इससे निचले इलाकों में बाढ़ का जोखिम कम हो जाता है.
नदियों पर बनने वाले बांधों के पानी से नहरों के माध्यम से से कृषि भूमि को पानी उपलब्ध तो कराया ही जाता है. साथ में शहरों और कस्बों में पीने के पानी और औद्योगिक उपयोग के लिए भी पानी की आपूर्ती की जाती है. अब सवाल यह है कि मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा बांध कौन सा है तो चलिए देर ना करते हुए जान लेते हैं.
दरअसल, मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा बांध इंदिरा सागर डैम है. यह बांध नर्मदा नदी पर खंडवा जिले में स्थित है. बताया जाता है कि यह बांध एशिया के सबसे बड़े बांधों में से एक है.
मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक, इंदिरा सागर डैम की 92 मीटर और लंबाई 653 मीटर है. इसका विशाल जलाशय लगभग 958 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. जो बरसात के दिनों में बेहद खूबसूरत दिखता है.
खंडवा जिले में नर्मद नदी पर स्थित इंदिरा सागर बांध में 20 गेट हैं. इनमें 12 मुख्य (सेवा) स्पिलवे गेट और 8 सहायक (छूट) स्पिलवे गेट शामिल हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां सामान्य जानकारियों पर आधारित है. जिसमें कुछ गलतियां भी हो सकती है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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