MP News: पीएम मोदी ने आज मन की बात में एमपी के छिदवाड़ा जिले में बनने वाले महुआ कुकीज की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि यहां कि छिदवाड़ा जिले के राजाखोह गांव की महिलाओं द्वारा बनाए गए महुआ कुकीज की मांग तेजी से बढ़ रही है.
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PM Modi Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री मोदी ने आज 30 मार्च को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 120वे एपिसोड को संबोधित किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने सबसे पहले भारतवासियों को चैत्र नवरात्र, उगादि, विषु पर्व और गुड़ी पड़वा की बधाई दी. इस दौरान PM मोदी ने अलग-अलग भाषाओं में विभिन्न त्योहारों की देशवासियों को बधाई दी. मन के बात कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के राजाखोह गांव की आत्मनिर्भर महिलाओं की प्रशंसा की. उन्होंने महिलाओं द्वारा महुआ के फूलों से बनाए जा रहे कुकीज़ के स्टार्टअप की सराहना की और अन्य महिलाओं को उनसे प्रेरणा लेने का आग्रह किया.
तेजी से बढ़ रही कुकीज की मांग
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महुआ के फूलों का उपयोग आमतौर पर शराब बनाने के लिए किया जाता है, लेकिन राजाखोह की महिलाओं ने इससे कुकीज बनाकर एक नया और स्वादिष्ट उत्पाद तैयार किया है. उन्होंने बताया कि इन महिलाओं के प्रयासों से महुआ के फूलों की यात्रा एक नए रास्ते पर निकल पड़ी है. पीएम मोदी ने कहा कि इन महिलाओं के जज्बे को देखकर एक बड़ी कंपनी ने उन्हें फैक्ट्री में काम करने की ट्रेनिंग दी, जिससे प्रेरित होकर गांव की कई अन्य महिलाएं भी इस काम में जुड़ गईं. उन्होंने बताया कि इन महिलाओं द्वारा बनाए गए महुआ कुकीज की मांग तेजी से बढ़ रही है.
पीएम मोदी को भेंट की थी कुकीज
प्रधानमंत्री के इस संबोधन के बाद छिंदवाड़ा एक बार फिर केंद्र के पटल पर आ गया है और हर तरफ इन महिलाओं की चर्चा हो रही है. इन महिलाओं ने स्वयं पैसा इकट्ठा करके व्यापार शुरू किया और महुआ से कुकीज़ बनाने का काम शुरू किया, जो अब पूरे देश में लोकप्रिय हो रहा है. हाल ही में, छिंदवाड़ा के विवेक बंटी साहू ने प्रधानमंत्री से मुलाकात करके उन्हें यह कुकीज भेंट की थी, जिसका जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' में किया. इन महिलाओं की सफलता की कहानी अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है और यह दिखाती है कि दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से कुछ भी हासिल किया जा सकता है.
क्या है महुआ कुकीज?
बता दें कि छिदवाड़ा जिले के राजाखोह गांव की महिलाओं मिलकर एक ऐसा काम किया है, जिससे आज पूरा जिला और प्रदेश उनकी तारीफ कर रहा है. इन महिलाओं ने तीन साल पहले महुआ के फूलों से कुकीज़ बनाने का काम शुरू किया था. शुरुआत में यह सिर्फ एक छोटा सा प्रयास था, लेकिन धीरे-धीरे इन कुकीज़ का स्वाद लोगों को इतना पसंद आया कि आज इनकी मांग सिर्फ जिले में ही नहीं, बल्कि प्रदेश के बड़े-बड़े शहरों में भी हो रही है. लोग दूर-दूर से इस छोटे से गांव में महुआ की कुकीज़ का स्वाद लेने आ रहे हैं.
राजाखोह गांव की महिलाओं की मेहनत और लगन ने महुआ की कुकीज़ को राजाखोह गांव की पहचान बना दी है. अब लोग इस गांव को महुआ कुकीज के नाम से जानने लगे हैं. इन महिलाओं ने साबित कर दिया है कि अगर मन में कुछ करने की इच्छा हो, तो छोटे से गांव में रहकर भी बड़ी सफलता हासिल की जा सकती है.
रुपेश कुमार, जी मीडिया बैतूल
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