रक्षाबंधन पर इन तीन चीजों से झटपट बनाएं इंद्रसे मिठाई, कुरकुरापन बढ़ा देगा त्योहार की मिठास; जानें रेसिपी
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh2872485

रक्षाबंधन पर इन तीन चीजों से झटपट बनाएं इंद्रसे मिठाई, कुरकुरापन बढ़ा देगा त्योहार की मिठास; जानें रेसिपी

MP News: रक्षाबंधन पर घर पर बनाएं मध्य प्रदेश नीमच की फेमस इंद्रसे मिठाई. इंद्रसे मिठाई बनाने के लिए चावल का आटा, चीनी और घी की जरूरत पड़ती है. इस मिठाई के कुरकुरेपन ने बॉर्डर पार लोगों को भी अपना दीवाना बनाया है.

 

indrase mithai
indrase mithai

Inderse Rakshabandhan Sweet: रक्षाबंधन पर अगर आप झटपट कोई मिठाई बनाने की सोच रहे तो इंद्रसे से बेहतर ही शायद कोई दूसरी मिठाई हो सकती है. मध्य प्रदेश के नीमच में इस मिठाई को बड़े ही चाव से खाया और लोगों में बेचा जाता है. खास बात तो ये है कि, ये मिठाई सिर्फ मानसून यानी की बरसात के मौसम में ही बिकती है. अगर इस रक्षाबंधन घर पर कुछ मीठा बनाने की योजना है, तो इंद्रसे एक अच्छा ऑपशन हो सकता है.

कैसी होती है इंद्रसे मिठाई
इंद्रसे मिठाई, दरअसल चावल, शक्कर और देसी घी से बनती है. इसे बनाने की प्रक्रिया काफी पारंपरिक और खास है. सिर्फ बारिश के सीजन में इंद्रसे बनाने की वजह ये है कि बारिश की नमी और ठंडक में ही इसका आटा सही ढंग से ''फूलता'' है, जिससे इसका स्वाद और कुरकुरापन सबसे अच्छा आता है. यही वजह है कि यह मिठाई साल के बाकी दिनों में नहीं बन पाती है. इस मौसमी मिठाई को बनाने में ना बहुत ज्यादा समय लगता है और नी ही बहुत अधिक सामान. इंद्रसे के कुरकुरेपन का हर कोई दीवाना हो जाता है. 

घर पर कैसे बनाएं इंद्रसे मिठाई
इंद्रसे बनाने के लिए, चावल के आटे में चीनी की चाशनी मिलाकर गूंथा जाता है. फिर इसी गूंथे आटे की छोटी-छोटी लोई काटकर गोल आकार दिया जाता है जिससे इंद्रसे तैयार होता है. इन गोल आकार को गर्म घी में तब तक फ्राई किया जाता जब तक ये हल्के गुलाबी रंग के ना हो जाए. घी में फ्राई करने के बाद इन्हें बर्तन में बाहर निकालकर परोसा जाता है. आप चाटे तो परोसने से पहले इनपर खसखस भी छिड़क सकती है. 

इंद्रसे मिठाई की लोकप्रियता
इंद्रसे मिठाई जो है वो मध्य प्रदेश के नीमच शहर में बहुत मशहुर है. रक्षाबंधन पर जब भी बहनें अपने मायके आती है तो ससुराल जाते वक्त इंद्रसे जरूर अपने साथ ले जाती हैं. इंद्रसे की डिमांड इतनी ज्यादे है कि नीमच ही नहीं मुंबई दिल्ली और विदेशों में भी इस मिठाई के शौकीन बैठे हैं. इस मिठाई की शुरुआत 80 साल पहले नीमच के तिलक मार्ग स्थित मित्तल जी की दुकान पर हुई थी. आज भी यह दुकान अपने पारंपरिक स्वाद के लिए जानी जाती है. मान्यता है कि इंद्रसे का, भगवान इंद्र को भोग लगाकर अच्छी बारिश और फसलों की कामना की जाती है. इंद्रसे के भोग से भगवान इंद्र भी काफी प्रसन्न होते हैं. 

रिपोर्ट: प्रीतेश शारदा, Z मीडिया, नीमच

TAGS

Trending news

;