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Ujjain Tourism: सावन में आ रहें उज्जैन, तो महाकाल के साथ करें इन धार्मिक स्थलों के दर्शन

Religious Places Near Ujjain: सावन का पावन महीना इस साल 11 जुलाई से शुरू हो रहा है. इसका समापन 9 अगस्त को होगा. सावन महीने में भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में देश के कोने-कोने से बाबा के भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. अगर आप भी सावन में बाबा महाकाल के दर्शन पूजन के लिए आ रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए है. क्योंकि आज हम आपको महाकाल के साथ-साथ कुछ ऐसे धार्मिक स्थलों को के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां जाकर आपको मानसिक शांति मिलेगी. चलिए जानते हैं.

महाकाल के साथ अन्य धार्मिक स्थलों का करें दर्शन

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महाकाल के साथ अन्य धार्मिक स्थलों का करें दर्शन

दरअसल, सावन का पावन हीना बाबा महाकाल को समर्पित होता है. यही वजह है महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए उज्जैन में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. अगर आप भी उज्जैन आने वाले हैं तो आइए जानते हैं यहां मकालाल के दर्शन के साथ-साथ और किन-किन धार्मिक स्थलों का दर्शन कर सकते हैं. 

 

काल भैरव मंदिर

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काल भैरव मंदिर

यह उज्जैन का एक महत्वपूर्ण मंदिर है. अगर आप महाकाल का दर्शन करने जाने वाले हैं, तो सबसे पहले काल भैरव का दर्शन पूजन करके ही करें. क्योंकि ऐसी मान्यता है कि बगैर काल भैरव के दर्शन किए बाबा महाकाल की पूजा अधूरी मानी जाती है.

हरसिद्धि माता मंदिर

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हरसिद्धि माता मंदिर

हरसिद्धि माता मंदिर  51 शक्तिपीठों में से एक है. यह मंदिर महाकालेश्वर मंदिर से कुछ ही दूरी पर स्थित है. सावन और नवरात्रि के महीने में यहां भक्तों की भारी भीड़ लगती है. 

 

चिंतामन गणेश मंदिर

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चिंतामन गणेश मंदिर

उज्जैन शहर से करीब 7 किलोमीटर की दूरी पर चिंतामन गणेश भगवान का मंदिर है. ऐसी मान्यता है कि यहां दर्शन करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं और चिंताएं दूर हो जाती हैं. 

 

मंगलानाथ मंदिर

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मंगलानाथ मंदिर

मंगलनाथ मंदिर भी भगवान शिव को समर्पित है. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, यहां मंगल ग्रह का जन्म स्थान माना जाता है. अगर आपकी कुंडली में मंगल दोष है तो इस मंदिर में विशेष पूजा करवा कर मांगलिक दोष का निवारण करा सकते है.

 

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग

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ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग

अगर आप सावन में महाकाल के दर्शन पूजन के लिए आ रहे हैं. तो यहां से  लगभग 140-150 किलोमीटर दूर खंडवा में स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का दर्शन भी जरुर करें. ऐसे में आपको सावन में एक साथ दो-दो  ज्योतिर्लिंगों के दर्शन का लाभ प्राप्त होगा.

 

प्रसिद्ध आरती

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प्रसिद्ध आरती

क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित राम घाट अपनी शाम की आरती के लिए प्रसिद्ध है. अगर आप सावन में आ रहे हैं तो यहां के आरती में जरुर शामिल हों. 

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