DNA Analysis: महाराष्ट्र के स्कूलों में अब छात्रों को बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग दी जाएगी. कक्षा 1 से ही छात्रों को बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके लिए ढाई लाख पूर्व सैनिकों की मदद ली जाएगी. महाराष्ट्र सरकार का ये फैसला कैसे देश को राह दिखा सकता है.
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DNA Analysis: अल शाम वाला खतरा बहुत बड़ा है. देश के कोने-कोने में ऐसे कई साकिब बैठे हैं. जो भारत को गजवा-ए-हिंद बनाने का ख्वाब बुनते रहते हैं. ऐसे ख्वाब को कुचलने के लिए अब महाराष्ट्र में बड़ा कदम उठाया गया है. महाराष्ट्र के स्कूलों में अब छात्रों को बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग दी जाएगी.
कक्षा 1 से ही छात्रों को बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके लिए ढाई लाख पूर्व सैनिकों की मदद ली जाएगी. महाराष्ट्र सरकार का ये फैसला कैसे देश को राह दिखा सकता है. हम आगे इसका विस्तार से विश्लेषण करेंगे. लेकिन पहले आपको बताते हैं कि बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग में छात्रों को क्या-क्या सिखाया जाता है.
छात्रों को टीम के तौर पर काम करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. शारीरिक रूप से स्वस्थ और मजबूत बनाने के लिए कसरत और खेलकूद के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. छात्रों में नेतृत्व कौशल, जिम्मेदारी लेने की आदत और अनुशासन की भावना विकसित की जाएगी.
इजरायल में बच्चों को स्कूल से ही मिलिट्री ट्रेनिंग
इजरायल में बच्चों को स्कूल से ही मिलिट्री ट्रेनिंग दी जाती है. यहां हम आपको बताना चाहेंगे कि इजरायल, रूस, तुर्किए, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान समेत दुनिया के 16 देशों में सैन्य सेवा अनिवार्य है. इन देशों में अगर किसी नागरिक ने सैन्य सेवा से मना किया तो उसे सजा भुगतनी पड़ती है.
सैन्य सर्विस की अवधारणा बहुत पुरानी
अनिवार्य सैन्य सर्विस की अवधारणा बहुत पुरानी है. हम आपको बताना चाहेंगे कि आज से करीब 2500 साल पहले ग्रीस के स्पार्टा में सैन्य सर्विस अनिवार्य थी. स्पार्टा में लड़कों को सात साल की उम्र में सैन्य अकादमी "एगोगे" भेज दिया जाता था. करीब दो हजार साल पहले मिस्र में भी अनिवार्य सैन्य सेवा को लागू किया गया था. रोमन साम्राज्य में भी सभी नागरिकों के लिए सैन्य सेवा अनिवार्य थी. 18वीं शताब्दी में रूसी साम्राट पीटर वन ने अनिवार्य सैन्य सेवा शुरू की थी.
महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला
आधुनिक दौर में फ्रांस ने सबसे पहले सैन्य सेवा को अनिवार्य बनाया था. अपने देश में सैन्य सेवा अनिवार्य नहीं हैं. महाराष्ट्र सरकार ने सिर्फ बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग देने की बात कही है. कहते हैं कि बुद्धिमान लोग किसी भी खतरे से निपटने की तैयारी पहले से करते हैं. ढाई मोर्चे वाले खतरे को देखते हुए इस महाराष्ट्र सरकार के इस निर्णय को दूरदर्शी कहा जा सकता है.