इंदिरा गांधी को लेकर विपक्ष ने किया हंगामा, विधायक अर्जुनलाल गर्ग ने पूछा- सम्मानजनक शब्दों का उपयोग करना गलत?
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इंदिरा गांधी को लेकर विपक्ष ने किया हंगामा, विधायक अर्जुनलाल गर्ग ने पूछा- सम्मानजनक शब्दों का उपयोग करना गलत?

भाजपा विधायक अर्जुनलाल गर्ग ने सदन में गतिरोध खत्म करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी को लेकर विपकाश ने हंगामा करना शुरू कर दिया.

इंदिरा गांधी को लेकर विपक्ष ने किया हंगामा, विधायक अर्जुनलाल गर्ग ने पूछा- सम्मानजनक शब्दों का उपयोग करना गलत?

Rajasthan Assembly: भाजपा विधायक अर्जुनलाल गर्ग ने सदन में गतिरोध खत्म करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी को लेकर विपकाश ने हंगामा करना शुरू कर दिया. गर्ग ने सवाल किया कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को "चाचा" कहा जाता है, महात्मा गांधी को "बापू" कहा जाता है, सरदार वल्लभभाई पटेल को "सरदार" कहा जाता है, और देवीलाल जी को "ताऊ" कहा जाता है. उन्होंने आगे कहा कि पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को भी "ताई" कहा जाता है. गर्ग ने पूछा कि क्या इन नेताओं के नामों के साथ सम्मानजनक शब्दों का उपयोग करना गलत है?

भाजपा विधायक अर्जुनलाल गर्ग ने सदन में कहा कि यदि "बापू", "चाचा", "सरदार", "ताऊ", और "ताई" सम्मानजनक शब्द हैं और असंसदीय नहीं हैं, तो "दादी" शब्द कैसे अपमानजनक हो सकता है? उन्होंने कहा कि "दादी" शब्द प्रेम, वात्सल्य, संस्कार, और अनुभव का प्रतीक है.

विपक्ष के पास सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट पर आपत्ति करने के लिए कोई शब्द नहीं था, क्योंकि यह सर्वस्पर्शी और समावेशी था. इसलिए, उन्होंने इसे स्थगित करने के लिए एक योजना बनाई और अध्यक्ष के आसन पर जाकर हाथ से इशारा किया और डायस पर चढ़ गए. इसके बाद, अध्यक्ष ने सदन को तीन-चार बार स्थगित किया. पहली बार स्थगन के बाद, विपक्ष ने मंत्री की माफी का बहाना बनाकर गतिरोध बनाए रखा, जो पांच दिनों से जारी है.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने आसन के प्रति अपशब्द कहे, जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है. पूरा सदन उनकी भर्त्सना करता है. उन्होंने मीडिया में जाकर आरोप लगाया कि अध्यक्ष ने एक प्लान के तहत उन पर आरोप लगाया है, लेकिन सच्चाई यह है कि उन्होंने सदन में सबके सामने ऐसा कहा था. कांग्रेस अध्यक्ष का मीडिया पर आक्षेप लगाना भी क्षमा योग्य नहीं है.

लक्ष्मणगढ़ से आने वाले माननीय सदस्य की मानसिकता दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है. यह सदन मर्यादाओं, नियमों और परंपराओं से चलता है, और इसको चलाने की जिम्मेदारी सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की है. मैं सदन के माध्यम से आग्रह करता हूं कि इस गतिरोध को समाप्त करने के लिए कोई योजना बनाई जाए. जैसा कि कहा जाता है, "क्षमा बड़न को चाहिए, छोटन को उत्पात," और यही सोचकर हमें आगे बढ़ना चाहिए. रहीम के शब्दों में, "का रहिमन हरि को घट्यो, जो भृगु मारी लात," हमें यह याद दिलाते हैं कि बड़ों को क्षमा करनी चाहिए.
 
अर्जुनलाल गर्ग ने विधानसभा में कहा कि सभी सदस्यों से उनका आग्रह है कि वे गतिरोध को दूर करें और विधानसभा को पहले की तरह सुचारू रूप से चलाएं. उन्होंने इस गतिरोध को समाप्त करने के लिए सभी सदस्यों से सहयोग करने का अनुरोध किया.

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