Jaipur News: फाल्गुन माह में ब्रज से लेकर छोटीकाशी में फागोत्सव की धूम है. आराध्य गोविंददेवजी मंदिर से लेकर अलग-अलग मंदिरों में फाग के रंग देखने को मिल रहे हैं. आराध्य देव गोविंद मंदिर में मनाए जा रहे फागोत्सव में वृंदावन, मथुरा और बरसाने की होली साकार हो उठी.
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Jaipur News: फाल्गुन माह में ब्रज से लेकर छोटीकाशी में फागोत्सव की धूम है. आराध्य गोविंददेवजी मंदिर से लेकर अलग-अलग मंदिरों में फाग के रंग देखने को मिल रहे हैं. अलग-अलग दिन अलग-अलग कलाकार ठाकुरजी के समक्ष प्रस्तुति देकर हाजिरी लगा रहे हैं.
फाल्गुन के महीने में हर तरफ फाग के रंग देखने को मिल रहे हैं. आराध्य देव गोविंद मंदिर में मनाए जा रहे फागोत्सव में वृंदावन, मथुरा और बरसाने की होली साकार हो उठी. पुष्प फाग में कोलकाता, शेखावाटी और जयपुर के करीब चालीस कलाकारों की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां देखकर श्रद्धालु श्रोता निहाल हो उठे.
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पुष्प फाग के लिए मंदिर के सत्संग भवन को फूलों और सतरंगी चुनरी से सजाया गया. श्रीकांत शर्मा ने भजन रचनाओं की ऐसी कर्णप्रिय सुरीली प्रस्तुतियां दी कि श्रोता सुध बुध खो बैठे. भजनों की स्वर लहरियों पर नृत्य की जुगलबंदी ने लोगों को एकटक निहारने पर मजबूर कर दिया.
श्रीकांत शर्मा ने गणेश वंदना होली खेले गोविंद के दासा गोविंद दूर नहीं तेरे पासा रणत भंवर से आया गणपति... से मंगला चरण किया. इसके बाद सत्संग की मैं ओढ़ चूनरी सत्संग की भजनां को घाघरो, जयपुर ले चालों म्हाने देखूंगी मैं सांवरो... भजन सुनाकर कानों में मिठास घोली.
उल्लेखनीय है कि बाल व्यास श्रीकांत शर्मा 24 साल से पुष्प फाग में हर साल नवीन राजस्थानी भजनों की ही प्रस्तुतियां देते हैं. दो दिन में करीब पचास-साठ भजनों की प्रस्तुतियां दी जाती है. इस प्रकार वे 24 साल में करीब 1500 भजनों की प्रस्तुतियां दे चुके हैं, उनके ज्यादातर भजन राजस्थानी भाषा में होते हैं. बालकृष्ण बालासरिया के पास उनके करीब तीन हजार भजनों का संग्रह है.
पुष्प फाग को परवान चढ़ाते हुए कोलकाता के भाष्कर ने चैतन्य महाप्रभु के आराध्य बंगाली कृष्ण के स्वरूप में मन मोहक नृत्य किया. उनके साथ आए ग्यारह कलाकारों ने अपने अभिनय की छाप छोड़ी. पुष्प फागोत्सव में राधा-कृष्ण के तीन-तीन स्वरूपों की आपस में होली खेलने की प्रस्तुति विशेष रही. कई विदेशी पावणों ने भी बच्चों सहित फागोत्सव का आनंद लूटा.
सरस गीतों की स्वर लहरियां बिखरने के दौरान व्यासपीठ बाल व्यास श्रीकांत शर्मा ने कहा कि जगत से साधनों से हमें सुख मिलता है, लेकिन भगवान के भजनों से आनंद मिलता है. भगवान जगत के पिता हैं लेकिन वे हमारे लिए कृष्ण बनकर कभी रास रचाते हैं, तो कभी होली खेलते हैं.
जयपुर में गोविंद देवजी मंदिर के महंत अंजन कुमार गोस्वामीजी के सानिध्य में हर साल यह आनंद बरसता है. उन्होंने कहा कि जहां भी राधा-कृष्ण के स्वरूप अपनी कला दिखा रहे हों, तो उन्हें कलाकार की दृष्टि से नहीं भगवान मानने की दृष्टि से देखें. राधा के स्वरूप में नेहा ने मोहे वृंदावन को फाग दिखा दे... रचना पर भावपूर्ण नृत्य किया.
वृष्टि जैन, बीना सोनी ने भी राधा-कृष्ण के स्वरूप में सभी का मन मोह लिया. इनकी प्रस्तुतियों से लगा माने वृंदावन में भगवान कृष्ण और राधाजी साक्षात होली खेल रहे हैं. राधा और कृष्ण के स्वरूपों पर सत्संग भवन की छत से कई देर तक पुष्प वर्षा की गई. जयपुर की रेखा सैनी ने कान्हा थाने सारी दुनिया बतावे चोर पर घूमर नृत्य किया.
पीले फूलों और पीले कपड़ों की सजावट ने बसंत पंचमी का सा दृश्य उत्पन्न कर दिया. प्राय: हर भजन की स्वर लहरियों पर महिलाओं ने नृत्य किया. सांवरिया ने डाल दियो रंग मैं रंगीली हो गई... गीत पर राधा-कृष्ण के स्वरूपों ने नृत्य किया. मेरी राधे तुमको रिझाऊ नित-नित लाड़ लड़ाऊ बसा लूं तुझे नैनन में... भजन में कान्हा ने मयूर बनकर राधा जी के लाड़ लड़ाए.
बहरहाल जयपुर के युवा कलाकार विराट और उनके साथी कलाकारों ने भरपुर उत्साह और उमंग के साथ काफी देर तक कृष्ण और ग्वालों के रूप में प्रस्तुतियां देकर मन जीत लिया. शेखावाटी के एक दर्जन कलाकारों ने ढप-और चंग पर पारंपरिक धमाल गाकर लोगों को नाचने पर मजबूर कर दिया.
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