Rajasthan News: JJM में 55 करोड़ के फर्जी भुगतान पर जांच पर ब्रेक लग गया है. पूरे मामले में PHED ने 150 इंजीनियर्स के दोष तय करने के लिए 3 कमेटी बनाई थी, लेकिन एक महीने बाद कमेटी ने जांच पर ही पर्दा डाल दिया. आखिरकार इतने बड़े फर्जीवाड़े में कार्रवाई क्यों रुकी हुई, पढ़ें इस खास रिपोर्ट में!
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Rajasthan News: JJM में 55 करोड़ के फर्जी भुगतान पर जांच पर ब्रेक लग गया है. पूरे मामले में PHED ने 150 इंजीनियर्स के दोष तय करने के लिए 3 कमेटी बनाई थी, लेकिन एक महीने बाद कमेटी ने जांच पर ही पर्दा डाल दिया. आखिरकार इतने बड़े फर्जीवाड़े में कार्रवाई क्यों रुकी हुई, पढ़ें इस खास रिपोर्ट में!
Rajasthan News: जल जीवन मिशन में 55 करोड़ के फर्जी भुगतान पर पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है. 5 जिलों में ठेकेदार पदमचंद जैन और महेश मित्तल की फर्मो को फर्जी पेमेंट के मामले में पीएचईडी ने 3 कमेटियों का गठन किया था. कमेटी को 150 इंजीनियर्स की मिलीभगत का दोष तय करना था. तीनों कमेटियों को 15 फरवरी तक रिपोर्ट देनी थी.लेकिन तय के एक महीने बाद भी विभाग को रिपोर्ट पेश नहीं की. पिछली सरकार में इंजीनियर्स ने श्री श्याम और गणपति ट्यूब फर्म को आंख बंद करने करोड़ों का फर्जी भुगतान किया. महेश मित्तल और पदमचंद को ईडी ने गिरफ्तार किया था. अब विभाग की जांच के बाद में एक बार फिर से इंजीनियर्स के साथ साथ दोनों ठेकेदारों की मुश्किलें बढ़ सकती है.
तीनों कमेटियां 150 इंजीनियर्स पर दोष तय करेगी
जल जीवन मिशन एमडी कमर उल जमान चौधरी के निर्देश पर संयुक्त सचिव प्रवीण लेखरा ने तीनों कमेटियां गठित की थी. कमेटियां 5 जिले जिसमें कोटपूतली-बहरोड़, जयपुर ग्रामीण, दौसा, अलवर, नीमकाथाना में हुए फर्जी पेमेंट करने वाले इंजीनियर्स का दोष तय करनी थी. इसके बाद जलदाय विभाग इंजीनियर्स को चार्जशीट थमाकर कार्रवाई करनी थी.
ये तीन कमेटियां डाल रही जांच पर पर्दा
कमेटी 1- कोटपूतली-बहरोड में हुए फर्जी भुगतान करने वाले इंजीनियर्स के दोष तय करने के लिए अधीक्षण अभियंता केके अग्रवाल की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया था. जिसमें दो सदस्य अधिशासी अभियंता प्रेम राज सैनी, सहायक लेखाधिकारी एसडी गुप्ता को शामिल किया गया था.लेकिन ढाई महीने बाद भी रिपोर्ट नहीं भेजी.
कमेटी 2- जयपुर ग्रामीण और दौसा में फर्जीवाड़े में लिप्त इंजीनियर्स पर दोष निर्धारण के लिए अधीक्षण अभियंता प्रदीप गुप्ता, अधिशासी अभियंता गंगराम मौर्य, सहायक लेखाधिकारी दीपक तिवाडी रिपोर्ट देनी थी.
कमेटी 3- अलवर और नीमकाथाना के लिए अधीक्षण अभियंता विश्वजीत नागर, अधिशासी अभियंता केके नारंग, सहायक लेखाधिकारी ओपी जाजू को कमेटी में शामिल किया है.सभी कमेटियों को 15 फरवरी तक रिपोर्ट देनी थी.
150 इंजीनियर्स को थमाए गए थे नोटिस
पाइप लाइनों और बिना कार्यों के फर्जी भुगतान के मामले में जलदाय विभाग ने 15 एक्सईएन, 40 एईएन और 50 जेईएन, सहायक प्रशासनिक अधिकारी, वरिष्ठ लेखाधिकारी, अंकेक्षण को कारण बताओं नोटिस थमाए गए थे. लेकिन अब तक कमेटियों ने दोष ही तय नहीं किए तो कैसे जलदाय विभाग के इंजीनियर्स पर कार्रवाई होगी?
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