Rajasthan Politics: आखिर बीजेपी क्यों हिचक रही नारी वंदन से? प्रदेश अध्यक्ष बोले-जल्द ही पूरी झलक देगी दिखाई...
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Rajasthan Politics: आखिर बीजेपी क्यों हिचक रही नारी वंदन से? प्रदेश अध्यक्ष बोले-जल्द ही पूरी झलक देगी दिखाई...

Rajasthan News: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने भले ही नारी शक्ति वंदन अधिनियम से भले ही 33 प्रतिशत भागीदारी निश्चित कर दी. वहीं इसके उलट बीजेपी संगठन में फिलहाल शक्ति का आधा अधूरा वंदन किया गया है. प्रदेश बीजेपी संगठन के हाल ही हुए चुनाव में भी आधी आबादी को पूरा हक देने का नारा केवल कागजी बनकर रह गया. हालांकि, बीजेपी अध्यक्ष मदन राठौड़ ने दावा किया प्रदेश कार्यसमिति में इसकी महिलाओं को प्रतिनिधित्व की पूरी झलक दिखाई देगी. पढ़िए, आखिर क्या है पूरा मामला ....

Madan Rathore
Madan Rathore

Rajasthan News: राजस्थान बीजेपी में हाल ही प्रदेश संगठन के चुनाव हुए. इनमें बूथ कमेटियों से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक के चुनाव करा लिए गए हैं. नारी शक्ति वंदन अधिनियम के बाद पार्टी संगठन चुनाव से पहले इन पदों पर तीस प्रतिशत पद महिलाओं को देने की वकालत शुरू हुई. प्रदेश बीजेपी में करीब पचास हजार बूथों पर बूथ समिति की 11 सदस्य टीम में 4 महिलाओं को शामिल करने के निर्देश दिए, लेकिन इसके बाद भी इस फार्मूले को नजरअंदाज किया गया. इसके बाद मंडल अध्यक्षों के चुनाव और मंडल कार्यकारिणी में महिलाओं को उपयुक्त भागीदारी नहीं दी गई.

बीजेपी प्रदेश के 44 जिलों में से 40 जिलाध्यक्षों में करीब 14 जिलाध्यक्ष महिलाएं बननी थी, लेकिन चार महिला जिला अध्यक्ष बनाकर खाना पूर्ति कर ली गई. बीकानेर शहर अध्यक्ष सुमन छाजेड़, भरतपुर जिला अध्यक्ष शिवानी दायमा, नागौर देहात अध्यक्ष सुनीता रांधड और सिरोही जिला अध्यक्ष पद पर रक्षा भंडारी चुनीं गई. 

पार्टी के अग्रिम संगठनों मोर्चा, प्रकोष्ठ और विभाग की बात करें तो प्रदेश भाजपा में 7 मोर्चे, 25 विभाग और 19 प्रकोष्ठ हैं. हालांकि नए अध्यक्ष के निर्वाचन के बाद इनमें अभी नई नियुक्ति होना बाकी है. लेकिन पहले नियुक्तियों को देखें तो इनमें महिलाओं की भागीदारी काफी कम है. भाजपा के 7 मोर्चे हैं, जिसमे युवा मोर्चा, एससी मोर्चा, एसटी मोर्चा, किसान मोर्चा, महिला मोर्चा, ओबीसी मोर्चा और अल्पसंख्यक मोर्चा शामिल है, 33 फीसदी के हिसाब से 2 मोर्चों में महिला को नियुक्त किया जाना चाहिए, जबकि इनसे सिर्फ महिला मोर्चा में भागीदारी मिलती है. इसी तरह से विभाग की बात करें तो 25 विभाग के संयोजक में सिर्फ एक बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ विभाग की मुखिया सोनिया रामचंदानी है, जबकि इनमे भी 33 फीसदी के हिसाब से देखें तो 9 महिलाओं को संयोजक को भूमिका मिलनी चाहिए, इसी तरह से 19 प्रकोष्ठ है, जिसमे एक भी संयोजक महिला नही है.

नई प्रदेश कार्यकारिणी में मिलेगी तरजीह !
पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी का गठन होने जा रहा है. संगठन के मुखिया प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि हमने महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है. प्रदेश कार्यसमिति में महिलाओं को काफी हद तक इसे पूरा किया जाएगा. ऐसे में महिलाओं को उम्मीद बंधी है कि प्रदेश उपाध्यक्ष और महामंत्री जैसे अहम पदों पर उन्हें जिम्मेदारी मिल सकती है. प्रदेश कोर टीम में देखें तो 9 प्रमुख पदों पर महिलाओं को मौका मिल सकता है. मौजूदा विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी, अनिता भदेल, पूर्व सांसद रंजीता कोली, पूर्व विधायक चंद्रकांता मेघवाल, पूर्व महिला आयोग की अध्यक्ष सुमन शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ नेत्रियों अहम भूमिका मिल सकती है. प्रदेश की टीम में जातिगत समीकरण भी साधे जाएंगे, ऐसे में हर वर्ग की महिला नेत्रियों को मौका मिलना तय है. ऐसे में चर्चा है कि जातीय समीकरण के हिसाब से राजपूत कोटे में प्रदेश प्रवक्ता राखी राठौड़, वैश्य वर्ग से एकता अग्रवाल, जयश्री गर्ग, ओबीसी कोटे में मधु कुमावत, ज्योति मिर्धा और संतोष अहलावत के नाम पर चर्चा है. इसके साथ आईएएस केके पाठक की पत्नी अपूर्वा पाठक को भी प्रदेश टीम जगह मिल सकती है.

प्रदेश अध्यक्ष अपनी कार्य समिति में 106 सदस्य और 26 आमंत्रित सदस्य नियुक्त करेंगे, यानी इनमे 42 पद महिलाओं को शामिल किया जाना चाहिए. इसके अलावा मोर्चों, विभाग और प्रकोष्ठों में भी 33 फीसदी भागीदारी मिले. महिलाओं की उचित भागीदारी को लेकर जब बीजेपी नेता मुकेश पारीक ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ऐसी पार्टी है जो महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे लाने के लिए काम कर रही है. हाल ही में संगठन पर रुके तहत जो चुनाव प्रक्रिया संपन्न हुई है. उसमें भी महिलाओं को उचित भागीदारी दी गई है, जल्द ही प्रदेश कार्यसमिति और अन्य नियुक्तियों में भी महिलाओं को उनकी उचित भूमिका होगी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बड़े इसको लेकर कानून बनाया है. संगठन में महिलाओं को आगे ला रही है. आने वाले समय में जो नियुक्तियां होगी उसमें उचित रूप से महिलाओं को शामिल किया जाएगा.

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