Rajasthan Politics: बीजेपी के लिए जी का जंजाल बनी 'जन सुनवाई', फिर शुरू होने को लेकर उठे सवाल
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Rajasthan Politics: बीजेपी के लिए जी का जंजाल बनी 'जन सुनवाई', फिर शुरू होने को लेकर उठे सवाल

Rajasthan News: राजस्थान बीजेपी का प्रदेश मुख्यालय पर हुई जनसुनवाई को जनता से किनारा करने के लिए बंद किया, मंत्रियों के सुनवाई में नहीं पहुंचने पर, या फिर जनसुनवाई में कार्यकर्ताओं से ज्यादा जनता के पहुंचने से बंद करनी पड़ी जनसुनवाई ? प्रदेश कार्यालय सहित जनता और कार्यकर्ताओं के बीच लगातार इस तरह के सवाल उठ रहे हैं. हालांकि बीजेपी नेता दावा कर रहे हैं कि नए सिरे से जनसुनवाई का खाका तैयार किया जा रहा है.

Madan Rathore
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Rajasthan News: राजस्थान में सवा साल पहले बीजेपी की सरकार बनीं. सरकार बनने के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं की अपने काम करवाने को लेकर उम्मीदें परवान पर चढ़ी. कार्यकर्ताओं के सरकार से जुड़े काम आसानी से हो इसके लिए लोकसभा चुनावों के तुरंत बाद बीजेपी प्रदेश कार्यालय पर 13 जून 2024 से दोपहर 12 से 2 बजे तक जनसुनवाई शुरू की गई. जन सुनवाई में पार्टी पदाधिकारियों ने सुनवाई की, लेकिन मंत्री नहीं पहुंचे. वहीं दूसरी ओर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ ही बड़ी संख्या में आमजन भी प्रदेश कार्यालय पहुंचने लगे. बड़ी भीड़ के कारण शिकायतों का अंबार लग गई और हालत यह रही कि जनसुनवाई महज चार दिन ही चल पाई.

हालांकि, उस दौरान तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने दावा किया था कि जल्द ही मंत्री भी जनसुनवाई में शामिल होंगे, लेकिन बावजूद इसके मंत्री नहीं आए तो सुनवाई को बंद करना ही बेहतर समझा गया. इस दौरान गृहराज्य मंत्री मंत्री जवाहर बेढम ने कहा था कि हम तो सड़क तक पर भी सुनवाई करते हैं, लेकिन उनका दावा दम तोड़ता नजर आया जब प्रदेश कार्यालय में जनसुनवाई रोक दी गई.

इधर, करीब नौ पहले बंद हुई जनसुनवाई फिर से शुरू नहीं हो पाई. कार्यकर्ता उम्मीद लगाए बैठे हैं कि पार्टी कार्यालय में फिर से सुनवाई शुरू हो और सरकार के महकमों में उनके काम आसानी से हो पाएं. इधर भाजपा मुख्यालय पर होने वाली जनसुनवाई का इंतजार अभी और लंबा होता हुआ दिख रहा है. पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ आम जन की बढ़ती संख्या को देखते हुए ये पार्टी मुख्यालय पर जनसुनवाई शुरू नहीं कर पा रही है, हालांकि पार्टी के नेता यह जरूर कह रहे हैं कि जनसुनवाई का खाका तैयार किया जा रहा है. जल्द ही पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए जनसुनवाई शुरू होगी.

जन सुनवाई का सिलसिला पुराना है
राजनीतिक दलों चाहे कांग्रेस हो या बीजेपी, पार्टी के प्रदेश कार्यालयों में कार्यकर्ताओं की सुनवाई के लिए मंत्रियों का दरबार लगना पुरानी परंपरा रही है. जिस दल की सरकार होती है वहां सरकार बनाने वाले कार्यकर्ताओं की सुनवाई होती है. कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार में कांग्रेस तथा वसुंधरा राजे के कार्यकाल में बीजेपी प्रदेश कार्यालय में सुनवाई हो चुकी है. पार्टी कार्यकर्ताओं की फरियाद सुनने के लिए संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी, विधायक और मंत्री भी मौजूद रहते थे.

जनता का लोड बढ़ जाता है
पार्टी कार्यालय में होने वाली जनसुनवाई को लेकर उठ रहे सवालों के बीच बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि यह सही है जनसुनवाई होनी चाहिए, जल्दी इसको लेकर कार्यक्रम शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि जनसुनवाई को लेकर पहले प्रयास नहीं किए गए. इससे पहले भी दो से तीन बार जनसुनवाई शुरू की गई थी, लेकिन जनता का लोड बढ़ गया था. जिसकी वजह से कुछ दिक्कतें सामने आई थी, जल्द ही इसको लेकर कोई मेकैनिज्म बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि सभी मंत्रियों को निर्देशित किया हुआ है कि वह समय निर्धारित करके अपने आवास पर हर दिन आमजन की समस्याओं को लेकर सुनवाई करें. जहां तक पार्टी मुख्यालय पर जनसुनवाई की बात है उसको लेकर भी खाका तैयार कर लिया गया है, जल्दी शुरू करेंगे. राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार है और वह जन कल्याण के लिए काम कर रही है इसलिए जान आकांक्षाएं भी ज्यादा बढ़ जाती है और उन्हें को ध्यान में रखकर हम आमजन के लिए कार्य करने के लिए कटिबद्ध है.

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