Jaisalmer News: जैसलमेर जिला मुख्यालय के समीप बड़ाबाग गांव क्षेत्र में स्थित डंपिंग यार्ड में कचरा निस्तारण प्लांट की स्वापना के खिलाफ ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया. ग्रामीणों ने एकजुट होकर कहा कि डंपिंग यार्ड की वजह से गांव का पशुधन मर रहा है और लोगों का जीना मुश्किल हो गया है.
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Jaisalmer News: राजस्थान के जैसलमेर जिला मुख्यालय के समीप बड़ाबाग गांव क्षेत्र में स्थित डंपिंग यार्ड में कचरा निस्तारण प्लांट की स्वापना के खिलाफ ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया. राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की तरफ से गांव में उक्त प्लांट की स्थापना के संबंध में पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए आयोजित जन सुनवाई में ग्रामीणों ने एकजुट होकर विरोध के स्वर मुखर किए.
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ग्रामीणों ने एकजुट होकर कहा कि डंपिंग यार्ड की वजह से गांव का पशुधन मर रहा है और लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. यह एक हेरिटेज साइट है और आज से 20 साल पहले भी प्रशासन में केवल ग्रामसेवक की ओर से जारी एनओसी पर यहां डंपिंग यार्ड बनाया. उस एनओसी पर सरपंच और अन्य ग्रामीण जनप्रतिनिधियों की सहमति नहीं ली गई थी.
वहीं हाथों में विरोध के नारे लिखी तख्तियां थामे युवाओं ने जन सुनवाई में मौजूद अतिरिक्त जिला कलेक्टर परसराम, नगरपरिषद आयुक्त लजपालसिंह और प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी के सामने रोष जताया. मौजीज ग्रामीणों और एनजीओ की प्रतिनिधि ने एक के बाद एक कई तर्क देकर यहां बनने वाले कचरा निस्तारण प्लांट का विरोध किया. उन्होंने डंपिंग यार्ड को ही बड़ाबाग से अन्यत्र स्थानांतरित करने की भी मांग रखी.
जन सुनवाई के बाद अतिरिक्त कलेक्टर ने बताया कि ग्रामीणों की आपत्तियों को राज्य स्तरीय समिति के पास अग्रिम कार्रवाई के लिए भिजवाय जाएगा. गौरतलब है कि डंपिंग यार्ड स्थल पर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट स्थापित किया जाना है. यह प्लांट 1 लाख 61 हजार 966 वर्गमीटर में बनना प्रस्तावित है. इसकी कचरा निस्तारण की क्षमता 360.92 टन प्रतिदिन बताई गई है.