Jodhpur News: जोधपुर सेंट्रल जेल प्रशासन और पुलिस अधिकारी आमने-सामने, प्रशिक्षु IPS ने उठाए गंभीर सवाल
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan2689175

Jodhpur News: जोधपुर सेंट्रल जेल प्रशासन और पुलिस अधिकारी आमने-सामने, प्रशिक्षु IPS ने उठाए गंभीर सवाल

Rajasthan News: प्रदेश की सुरक्षित जेलों में शुमार जोधपुर जेल एक बार फिर सवालों के घेरे में है. इस बार यह सवाल मीडिया ने नहीं बल्कि एक प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारी ने उठाएं है. आइए आपको पूरा मामला बताते हैं...

Jodhpur News Zee Rajasthan
Jodhpur News Zee Rajasthan

Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को लेकर जेल से धमकी भरे फोन किए जाने के बाद प्रदेशभर की जेलों में नियमित सर्च अभियान चलाया जा रहा है. इस कड़ी में जोधपुर सेंट्रल जेल में भी सर्च अभियान चलाने के लिए प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारी हेमंत कलाल, एसडीएम, एडीसीपी और तहसीलदार सहित थानों की टीमें गत 30 जनवरी को जोधपुर सेंट्रल जेल रात्रिकालीन समय सर्च के लिए पहुंचे, लेकिन जेल प्रशासन को सूचित किए जाने के बाद भी जेल का दरवाजा करीब 20 मिनट तक नहीं खोला गया. इसके बाद यह सर्च टीम बेरंग लौट गई थी.

इसके बाद प्रशिक्षु आईपीएस ने इस मामले की शिकायत पुलिस आयुक्त, जिला कलेक्टर और उच्च अधिकारियों को दी. हालांकि, इस बात को मीडिया से गुप्त रखा गया था.
आईपीएस हेमंत कलाल से इस बारे में जानकारी मांगी तो उन्होंने बताया कि गृह विभाग द्वारा जारी आदेश में इस बात को लेकर प्रोत्साहित किया गया है कि सायंकाल के बाद व सूर्योदय के ​बची जेल की जांच की जानी ​चाहिए. इसी आदेश की पालना में 30 जनवरी को रात में कार्रवाई करने टीम पहुंची थी, जिसमें प्रशिक्षु आईपीएस हेमंत कलाल, एडीसीपी, तहसीलदार व मजिस्ट्रेट इस टीम का हिस्सा थे, लेकिन जेल प्रशासन सहयोग नहीं किया. जेल के मुख्य द्वार पर हमारी टीम को 20 मिनट तक दरवाजा नहीं खोला गया. मौके पर मौजूद जेल इंस्पेक्टर ने भी सहयोग नहीं किया. हमें 20 मिनट तक हमें खड़ा रखा गया. कहा ​गया कि जेल अधीक्षक साहब नहीं है. 20 मिनट इस जेल में बहुत होते है. इस जेल में 16 वार्ड है किसी भी सामान को छुपाने के लिए यह सयम प्रयाप्त होता है. ऐसे में सर्च करने का कोई औचित्य नहीं बचता, इसलिए हम वहां से चले गए. यह गृह विभाग का आदेश है. उन्हें हमको रोकना ही नहीं चाहिए था. इसमें मुझे कोई लीगल औचित्य नहीं मिला, तो मैने उच्च अधिकारियों को इस बात को लेकर निवेदन किया. लिखित में मामले की जानकारी दी, ताकि उचित कार्रवाई की जा सके. उन्होने बताया कि इसको लेकर पुलिस आयुक्त, जिलाधीश और विभाग के उच्चतम अधिकारियों को भी अवगत करवाया गया है.

उन्होंने कहा कि उसके बाद हमने फिर से 21 फरवरी 2025 को रेड की उस दौरान वार्ड संख्या 6 के बैरक संख्या 2 में एक मटकी मिली, जिसमें मटकी के अंदर मटकी बना रखी थी. मटकी में सरस का दूध भर रखा था. जेल में यह संभव नहीं की मुल्जिम अपने आप ऐसा कर पाए इसमें जेल प्रशासन के कुछ लोग मिले होंगे. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि अजमेर जेल में कर्मचारी के जेब से ही मोबाइल बरामद हुआ था. उन्होंने कहा कि पहले भी हमारे पास ऐसे मुकदमे आ चुके है, जिसमें जेल कर्मचारियों की लिप्तता हो सकती है किस लेवल तक यह देखना है. उन्होंने कहा कि यह क्यों रोक रहे है इसकी जांच की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि जेल प्रशासन सहयोग दे तो जेल में मोबाइल के मामलों को खत्म कर सकते हैं. हालांकि संयुक्त सर्च किया जाता है. सहयोग से सर्च होता है. कितना सहयोग होता है यह चर्चा का विषय है.

गौरतलब है कि जोधपुर सेंट्रल जेल का कहीं न कहीं विवादों और तीखे सवालों से चोली दामन का साथ रहा है. सुरक्षा में सेंध के कई मामले इस जेल से कुछ सालों में उजागर हुए है. ऐसे में एक प्रशिक्षु आईपीएस द्वारा इस तरह के सवाल उठाना वाकई बड़ा सवाल पैदा करता है कि आखिर जेल में क्या खेल चल रहा है?

रिपोर्टर- राकेश कुमार भारद्वाज

ये भी पढ़ें- बिना किसी को बताए 24 KM पैदल चलकर हिसार स्टेशन पहुंची 4 छात्राएं, फिर चूरू में... 

राजस्थान की ताज़ा ख़बरों के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें Rajasthan News और पाएं Latest Rajasthan News हर पल की जानकारी। राजस्थान की हर खबर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!

TAGS

;