Pratapgarh News: आप अपने मन की मुराद लेकर महादेव के दरबार में जाए और वहां यदि पानी में बुलबुला उठ जाए तो समझिए आपकी मुराद पूरी होने वाली है. क्योंकि यह महादेव का एक ऐसा स्थान है जहां महादेव आपकी मुरादों का फैसला बुलबुलों से करते हैं.
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Pratapgarh News: आप अपने मन की मुराद लेकर महादेव के दरबार में जाए और वहां यदि पानी में बुलबुला उठ जाए तो समझिए आपकी मुराद पूरी होने वाली है. क्योंकि यह महादेव का एक ऐसा स्थान है जहां महादेव आपकी मुरादों का फैसला बुलबुलों से करते हैं. इस मंदिर की आस्था ऐसी की दूर दराज के क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां मन्नत मांगने के लिए पहुंचते हैं. इतना ही नहीं अपने घर और खेल भरपूर पानी आए इसको लेकर भी यहां आते हैं महादेव की मन्नत पूरी होने का आशीर्वाद देते हैं.
प्रतापगढ़ जिले के छोटीसादड़ी क्षेत्र के प्रसिद्ध बुलबुला महादेव मंदिर में पर बुलबुले से होता है मनोकामना पूरी होने का फैसला. कहते हैं कि आस्था तन मन में हो तो पत्थर भी पानी में तैरते हैं. कुछ इसी तरह को देखने को मिलती है. छोटीसादड़ी क्षेत्र से करीब 18 किलोमीटर दूर पीलीखेड़ा ग्राम पंचायत में स्थित बुलबुला महादेव मंदिर पर बुलबुले उठते हैं. कहते है कि यह आस्था एवं मनोकामना पूर्ण करते हैं. यहां पर हरी-भरी वादियों के बीच बुलबुला महादेव मंदिर बना हुआ है.
मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां शिवलिंग के चारों ओर पानी भरा रहता है और शिवलिंग साल भर जल में आधा डूबा रहता है. बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपनी आस्था लेकर के यहां पहुंचते हैं और पानी में सिक्का डालकर अपने मन की मुराद महादेव से मांगते हैं. महादेव भी बुलबुला से उनकी मन्नत पूरी होने का आशीर्वाद देते हैं. बरसों बरस से महादेव की यह लीला जारी है. इसी के चलते इस स्थान का नाम बुलबुला महादेव के नाम से प्रसिद्ध हो गया है.
दुर्गम क्षेत्र में होने के बावजूद स्थान चारों तरफ हरियाली से आकर्षित होकर सुरम्य है. वर्ष में एक बार यहां वैशाखी पूर्णिमा पर मेला लगता है. दूर दरार से लोग आकर बुलबुला महादेव में अपनी मनोकामना पूर्ण होने की मांग करते हैं और मांग पूरी होगी या नहीं यह पानी से उठने वाले बुलबुले पर निर्भर करता है कि परिणाम मिलेगा कि नहीं. यहां महाशिवरात्रि पर हवन और अभिषेक होते हैं.
बुलबुला महादेव के शिवलिंग के पास साल भर पानी की आवक इतनी ज्यादा रहती है कि पानी की निकासी नहीं हो पाती है. मन्दिर से पानी को निकालने के लिए अलग से वाटर पम्प सेट लगा रखा है. यहां से निकलने वाले पानी से बागवानी की जाती है. मंदिर के बाहर तीन अलग-अलग पानी के कुंड बना रखे है, जिनमें से प्रथम कुंड से आने वाले श्रद्धालु पानी पीकर अपनी प्यास बुझाते हैं, दूसरे कुंड से श्रद्धालु मंदिर में जाने से पहले मुंह, हाथ, पैर धोते है तथा सबसे अंतिम तीसरे कुंड में दर्शनार्थी नहाते हैं.
श्रद्धालुओं की ऐसी मान्यता है कि यहां भोलेनाथ हर श्रद्धालु के पूछे सवालों का जवाब बुलबुले के रूप में देते है. मन्नत मांगने के बाद शिव लिंग के पास कुंड से बुलबुले उठते है तो मन्नत पूरी होती है. बड़ी संख्या में लोग यहां बोरिंग करवाने से पहले उसे स्थान की मिट्टी लेकर के यहां पहुंचते हैं और पानी में मिट्टी डालकर महादेव से बोरिंग में पानी की अच्छी आवक की मनोकामना करते है. महादेव भी बुलबुला उठाकर उनकी मन्नत पूरी होने का आशीर्वाद देते हैं. इसके बाद श्रद्धालु इस कुंड का पानी ले जाकर बोरिंग वाले स्थान पर डालते हैं और बोरिंग में अच्छा पानी आने पर सबसे पहले उस पानी से यहां आकर महादेव का अभिषेक करते हैं.