Sikar News: शेखावाटी उत्सव में दिखी लोक संस्कृति की झलक, कालबेलिया से लेकर राजस्थानी घूमर पर जमकर बजीं तालियां
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Sikar News: शेखावाटी उत्सव में दिखी लोक संस्कृति की झलक, कालबेलिया से लेकर राजस्थानी घूमर पर जमकर बजीं तालियां

Sikar News: सीकर शहर के जयपुर रोड स्थित अर्बन हाट व आईटीआई खेल मैदान में जिला प्रशासन एवं पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित हो रहे, शेखावाटी उत्सव 2025 में आईटीआई मैदान में देर शाम को सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया.

Sikar News: शेखावाटी उत्सव में दिखी लोक संस्कृति की झलक, कालबेलिया से लेकर राजस्थानी घूमर पर जमकर बजीं तालियां

Sikar News: सीकर शहर के जयपुर रोड स्थित अर्बन हाट व आईटीआई खेल मैदान में जिला प्रशासन एवं पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित हो रहे, शेखावाटी उत्सव 2025 में आईटीआई मैदान में देर शाम को सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि राजस्थान सरकार में यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा रहे. यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा, खंडेला विधायक सुभाष मील, पूर्व सांसद सुमेधानंद सरस्वती, पूर्व विधायक रतन जलधारी, हाई कोर्ट के जज अनूप ढंढ, जिला कलेक्टर मुकुल शर्मा, पुलिस अधीक्षक भूवन भूषण यादव, पर्यटन विभाग की सहायक निदेशक अनु शर्मा, जिला उद्योग केंद्र की महाप्रबंधक विकास सिहाग ने अर्बन हाट में लगाए गए.

हस्तशिल्प उद्योग मेले का निरीक्षण किया.  इसके बाद शेखावाटी उत्सव समारोह की सांस्कृतिक संध्या का गणेश वंदना और सफेद गुब्बारे छोड़कर का विधिवत रूप से उद्घाटन किया. वहीं सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम में देर रात तक लोक कलाकारों ने चरी नृत्य, चरकुला नृत्य, भवई नृत्य कालबेलिया नृत्य, भपंग वादन, चंग ढप नृत्य व शिक्षकों की टीम ने रींगस का मारा भेरुजी नृत्य किया. इसके साथ ही भरतपुर से आई पार्टी ने मयूर डांस कर देर रात तक दर्शकों की खूब तालियां बटोरी.

सांस्कृतिक संध्या के दौरान भरतपुर की पार्टी ने ब्रज की फूलों की होली पर शानदार प्रस्तुति दी तो राधा-कृष्ण और सखियों संग फूलों की होली खेलने यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा सहित अतिथि भी मंच पर पहुंचे और राधा-कृष्ण संग जमकर फूलों की होली खेली. यूडीएच मंत्री सहित अतिथियों ने ब्रज की होली के गानों पर राधा कृष्ण संग जमकर ठुमके लगाए. यूडीएच मंत्री के इस देशी अंदाज को देखकर कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने भी काफी सराहना की.

यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि राजस्थान सभ्यता और संस्कृति के हिसाब से सतरंगी प्रदेश है. राजस्थान के कण कण में अलग-अलग सांस्कृतिक रंग देखने को मिलते हैं. राजस्थान की इसी संस्कृति और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग की ओर से पूरे राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में सांस्कृतिक आयोजन किए जाते हैं. इसी के तहत शेखावाटी क्षेत्र में शेखावाटी उत्सव का आयोजन किया जाता है. 

यूडीएच मंत्री खर्रा ने कहा लोक संस्कृति से हमारी भावी पीढ़ी को अवगत कराने के लिए और उन्हें जानकारी देने के लिए इस तरह के कार्यक्रम बहुत ही जरूरी है, ताकि आने वाली पीढ़ी राजस्थान की सतरंगी सांस्कृतिक सभ्यता को नहीं भूले और यह सांस्कृतिक विरासत है वह निरंतर आगे बढ़ती रहे. उन्होंने कहा मुझे उम्मीद है कि इसी सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से शेखावाटी की कला और संस्कृति मीडिया के माध्यम से देश और विदेशो तक पहुंचेगी.

 इसके साथ ही ऐसे कार्यक्रमों से शेखावाटी के पर्यटन को भी इसे बढ़ावा मिलेगा और जब पर्यटन बढ़ेगा तो निश्चित रूप से हमारी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी. उन्होंने कहा राजस्थान सरकार की ओर से भी प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में वहां की परंपरा के अनुसार सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. खर्रा बोले 2019 से 2022 तक के काल खंड में पर्यटन को बहुत बुरी तरह से क्षति पहुंची थी और प्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में पिछड़ गया था.

लेकिन अब वापस देशी और विदेशी पर्यटक राजस्थान की मरुधरा की सतरंगी संस्कृति और सभ्यता को देखने के लिए निरंतर राजस्थान आ रहे हैं. उन्होंने कहा आने वाले समय में राज्य सरकार का प्रयास रहेगा की पर्यटन उद्योग प्रदेश का महत्वपूर्ण उद्योग बने और पर्यटन के माध्यम से जिसमें ग्रामीण पर्यटन को भी विशेष रूप से समाहित किया है. खर्रा ने कहा विदेशी पर्यटकों को वर्तमान में ग्रामीण परिवेश भी काफी आकर्षित कर रहा है, क्योंकि जहां पर्यटकों को प्रदूषण मुक्त, कोलाहल से मुक्त एक प्राकृतिक वातावरण मिलता है, इसलिए वहां पहुंचकर पर्यटक अपने आपको काफी प्रसन्नचित और उत्साहित महसूस करते हैं. इसी के चलते आने वाले समय में ग्रामीण पर्यटन को भी काफी बढ़ावा मिलेगा.

राजस्थानी भाषा की मान्यता को लेकर मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि राजस्थानी भाषा के लिए लंबे समय से प्रयास चल रहे हैं, यह बिल्कुल सही बात है. लेकिन उसमें परेशानी इस बात की आ रही है कि राजस्थानी भाषा का एक रूप नहीं है. राजस्थान के अलग-अलग क्षेत्र में भाषा का अलग-अलग रूप है, लेकिन प्रयास किया जा रहे हैं कि सभी मिलकर किसी एक रूप यानी भाषा को स्वीकार करें और उसके बाद भारत सरकार से उसकी मान्यता दिलाए.

नगर निकाय और पंचायत चुनाव से पहले किए जा रहे परिसीमन को लेकर मंत्री खर्रा ने कहा कि प्रतिपक्ष का तो काम ही विकास के काम का विरोध करना, इसलिए उसे बारे में ज्यादा नहीं कहूंगा. उन्होंने कहा आम जनता की ओर से अगर कोई बात सामने आएगी तो उस पर जरूर निश्चित रूप से सकारात्मक रूप से विचार किया जाएगा. खर्रा ने कहा परिसीमन को लेकर दो तरह की परिस्थितियां है, प्रदेश का अधिकांश हिस्सा ट्राइबल क्षेत्र ऐसा है जहां सामान्य रूप से रोजगार के ज्यादा अवसर नहीं है और वहां के आम नागरिक भी यही चाहते हैं कि वह पंचायती राज में रहे ताकि उन्हें राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना के माध्यम से स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलता रहे.

इसके साथ बहुत से ऐसे क्षेत्र भी है, जो शहर के नजदीक आ चुके हैं और वहां के अधिकतर लोग यही मानते हैं कि वह अब वह ना तो ग्रामीण अंचल में रहे और ना ही शहरी क्षेत्र में, इसलिए उन्हें नगर पालिका या नगर निकाय की सीमा में सम्मिलित किया जाए, तो उनके गांव का भी शहरी क्षेत्र की तरह विकास होगा. उन्होंने कहा परिसीमन को लेकर दोनों विचारधाराए चल रही है. जहां जैसी आवश्यकता होगी उस पर गंभीरता से विचार किया जाएगा.

राजस्थान सरकार की ओर से प्रदेश व संभाग व जिले समाप्त करने के सवाल पर बोलते हुए झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि नवसृजित जिले और संभाग को बनाने के लिए बड़े आर्थिक बजट और संसाधनों की आवश्यकता होती है. उन्होंने कहा पूर्ववर्ती सरकार ने जिस तेजी के साथ जिले व संभाग का निर्माण किया और उनके विकास के लिए बजट में एक रुपए का भी प्रावधान नहीं किया.

पूर्ववर्ती सरकार ने कहीं की ईंट, कहीं का रोड के माध्यम से कार्यालय भी खोल दिए. उन्होंने कहा जब तक पूर्ण रूप से विकसित ढांचा विकसित नहीं होगा और उसके लिए बजट की आवश्यकता होगी. खर्रा ने कहा कि मेरा मानना है कि बजट से ज्यादा प्रशासनिक इकाइयों का विस्तार करने की बजाय उनका सुदृढ़ीकरण करना समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है. इसलिए प्रशासनिक ढांचा मजबूत हो और वह जनहित में पूरी निष्ठा के साथ आमजन का काम करें यही हमारी प्राथमिकता है.

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