Chaitra Navratri 2025: राजस्थान के इस मंदिर में 'चुनरी-त्रिशूल' चढ़ाने से ये मुराद होती है पूरी, दूर-दूर से यहां पहुंचते हैं भक्त
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan2694612

Chaitra Navratri 2025: राजस्थान के इस मंदिर में 'चुनरी-त्रिशूल' चढ़ाने से ये मुराद होती है पूरी, दूर-दूर से यहां पहुंचते हैं भक्त

Chaitra Navratri 2025: राजस्थान में कई चमत्कारी मंदिर हैं. वहीं उदयपुर का ये मंदिर देशभर में फेमस है. ऐसी मान्यता है कि यहां देवी के दर्शन मात्र से लोगों का लकवा सही हो जाता है.

Chaitra Navratri 2025: राजस्थान के इस मंदिर में 'चुनरी-त्रिशूल' चढ़ाने से ये मुराद होती है पूरी, दूर-दूर से यहां पहुंचते हैं भक्त

Chaitra Navratri 2025: पूरे देश में इस समय चैत्र नवरात्रि की तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं. बड़े-बड़े पंडाल सज रहे हैं. मां के मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ जुटने लगी है. राजस्थान में कई चमत्कारी मंदिरों के बार में हम आपको बता रहे हैं. इसी कड़ी में आता है उदयपुर का ईडाणा माता मंदिर. इस मंदिर को लेकर कई तरह की मान्यताएं चलन में हैं. चलिए आपको बताते हैं.

उदयपुर शहर से 60 किमी दूर अरावली की पहाड़ियों में स्थित ईडाणा माता का मंदिर बेहद फेमस है. इस मंदिर में हर साल अपने आप माता अग्नि से स्नान करती हैं. इस अग्नि स्नान में प्रसाद से लेकर हर छोटी बड़ी चीज राख हो जाती है. लेकिन देवी की मूर्ती को एक आंच तक नहीं आती है. ऐसा माना जाता है जब देवी बहुत ज्यादा प्रसन्न होती हैं...या उनपर जब बहुत भार होता है तब अग्नीस्नान वह करती हैं.

वहीं मंदिर को लेकर स्थानीय लोगों की मान्यता है कि यहां पर माता के दर्शन मात्र से लकवा या पैरालिसिस जैसी गंभीर बीमारी का अंत होता है. वहीं जिन जोड़ों को संतान नहीं होती है उन्हें संतान प्राप्ति का भी आशीर्वाद मिलता है. इसके लिए भक्तों को मन्नत के रूप में त्रिशूल और चुनरी का चढ़ावा चढ़ाना होता है.

बता दें सदियों से देवी एक पेड़ के नीचे विराजमान है. माता रानी का कोई भवन नहीं बना है. जानकारी के मुताबिक सदियों पहले पांडव जब यहाँ से गुजरे थे, तब उन्होंने भी यहां माता की पूजा की थी. ईडाणा माता को स्थानीय पूर्व राजा, रजवाड़े अपनी कुलदेवी मानते हैं. आज भी उनकी पूजा अर्चना करके ही कोई भी शुभ कार्यों का शुभारंभ होता है.

Disclaimer- यह स्टोरी स्थानीय लोगों की बताई गई मान्यताओं और कहानियों से प्रेरित है. जी़ राजस्थान इससे जुड़े किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता है. 

ये भी पढ़ें- Gangaur 2025: राजस्थान में शुरू हुआ गणगौर का उत्सव, इस विधि से सही मुहूर्त पर करें शिव-गौरी की पूजा, मिलेगा मनचाहा वर

राजस्थान की ताज़ा ख़बरों के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें Rajasthan News और पाएं Latest Rajasthan Newsहर पल की जानकारी। राजस्थान की हर खबर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!

;