ग्वालियर से आगरा के बीच बनने वाले 88 किमी लंबे ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे को लेकर खुशखबरी है. प्रस्तावित एक्सप्रेसवे को वन विभाग समेत अन्य विभागों से स्वीकृति मिल गई है और इसे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 719-डी मिल गया है.
ग्वालियर से आगरा के बीच बनने वाले 88 किमी लंबे ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे 6 लेन का बनाया जाएगा और इसके निर्माण पर 4613 करोड़ रुपये की लागत आएगी.
परियोजना के लिए एनएचएआई और जीआर इंफ्रा के बीच अनुबंध हो चुका है, जिसके अनुसार कंपनी निर्माण के बाद 20 महीने तक इसका रखरखाव भी करेगी.
ग्वालियर -आगरा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे 30 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य है. अक्टूबर से निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। कंपनी को विशेष प्रयोजन इकाई (SPV) बनाकर यह बताना होगा कि प्रोजेक्ट के लिए धन कहां से जुटाया जाएगा।
परियोजना के तहत एनएचएआई को अक्टूबर 2025 तक आवश्यक भूमि उपलब्ध करानी होगी, जिसमें वन, राजस्व और निजी भूमि शामिल हैं.
यह एक्सप्रेस-वे आगरा के देवरी गांव से शुरू होकर धौलपुर और मुरैना होते हुए ग्वालियर के सुसेरा गांव तक पहुंचेगा. नए 88 किमी के ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे बन जाने से आगरा और ग्वालियर के बीच की दूरी 31 किमी कर हो जाएगी.
नए ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण से ग्वालियर से आगरा पहुंचने में महज डेढ़ घंटा और दिल्ली पहुंचने में साढ़े तीन घंटे लगेंगे, क्योंकि यह यमुना एक्सप्रेसवे से जुड़ा रहेगा.
इस परियोजना में 121 किमी लंबे मौजूदा आगरा-ग्वालियर फोरलेन हाईवे की मरम्मत भी शामिल है, जिसे एक साल में पूरा किया जाना है. यहां गौर करने वाली बात यह है नया एक्सप्रेसवे बस 88 किमी का होगा.
सीधे आगरा जाने वाले वाहन नए एक्सप्रेसवे का प्रयोग करेंगे, जबकि मुरैना और धौलपुर जाने वाले वाहन पुराने फोरलेन मार्ग से गुजर सकेंगे. इस तरह ट्रैफिक बंट जाने से जाम की समस्या भी नहीं होगी.
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