Agra Metro Project: आगरा मेट्रो से सफर आसान नहीं होगा, बल्कि बारिश का एक बूंद भी पानी बर्बाद नहीं होगा. इसकी शुरुआत 6 किलोमीटर लंबे मेट्रो ट्रैक से हो चुकी है. दो साल में 24 किमी ट्रैक और 21 स्टेशन बनकर तैयार हो जाएंगे.
इससे 23 लाख लीटर बारिश का पानी बचेगा और यह पूरा भूगर्भ जलस्तर में पहुंचेगा. इससे जलस्तर में सुधार होने से इनकार नहीं किया जा सकता है. ट्रैक के दोनों ओर 500-500 मीटर दायरे में भूगर्भ जल विभाग साल में दो बार जलस्तर का माप लेगा.
इसकी रिपोर्ट यूपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (UPMRC) को भेजी जाएगी. शहर में 30 किमी लंबा मेट्रो ट्रैक बन रहा है. इसमें 23 किमी एलीवेटेड और 7 किमी भूमिगत ट्रैक है. कुल 27 स्टेशन बनेंगे, जिसमें 20 एलीवेटेड और सात भूमिगत स्टेशन हैं.
6 मार्च 2024 तक 6 किमी ट्रैक बनकर तैयार हो गया था. पीएम नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली ट्रेन को रवाना किया था. तीन किमी एलीवेटेड और तीन किमी भूमिगत ट्रैक है. सभी एलीवेटेड ट्रैक और स्टेशनों, भूमिगत स्टेशनों के परिसर को मिलाकर 500 पिट बनाए जा रहे हैं.
बारिश का पानी बर्बाद न हो, इसके लिए ट्रैक में पाइप लग रहे हैं. इन सभी पाइप को बोरिंग से कनेक्ट रहेंगे. 6 महीने के अंतर से ट्रैक के दोनों तरफ 500-500 मीटर के दायरे में जलस्तर का माप होगा. जलस्तर कम हुआ या फिर बढ़ रहा है.
इसका डाटा UPMRC को भी भेजा जाएगा. यह काम उस समय किया जा रहा है, जब 15 ब्लाकों में जलस्तर की स्थिति तेजी से गिर रही है. कमिश्नरी के आधे हिस्से में मेट्रो डिपो बना हुआ है. डिपो में पूरी तरह से जीरो डिस्चार्ज फैसिलिटी पर आधारित है.
डिपो परिसर में भी वेस्ट वाटर को निस्तारित या डिस्चार्ज नहीं किया जाता है, बल्कि इसे पूरी तरह से रीसाइकल करके कई कामों में इस्तेमाल लाया जाता है. इससे पानी की एक बूंद बर्बाद नहीं होती है. मौजूदा वक्त में 6 मेट्रो स्टेशन हैं.
हर महीने 10 से 15 कार्यक्रम जल संरक्षण को लेकर आयोजित किए जाते हैं. इसमें चित्रकला प्रतियोगिता से लेकर वाद विवाद प्रतियोगिता शामिल है. मकसद जल संरक्षण के प्रति लोगों और बच्चों को जागरूक करना है. भूगर्भ जलस्तर तीन भागों में बांटा हुआ है.
अर्ध-गंभीर भूगर्भ में भूजल का स्तर कुछ हद तक कम हुआ है. अतिशोषित भूगर्भ में भूजल का स्तर अत्यधिक कम है और भूजल का उपयोग उसकी भरपाई से अधिक हो रहा है, जिससे भूजल के स्तर में और गिरावट आ रही है. गंभीर भूगर्भ का अर्थ है भूजल के स्तर में गंभीर कमी, जहां जल स्तर अत्यधिक कम हो गया है.