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ताजमहल बनाने शाहजहां ने आगरा को ही क्यों चुना? ये 3 वजह बड़े-बड़ों को नहीं होंगी पता

Agra News: क्या आपने कभी सोचा है कि शाहजहां ने आगरा में ही यमुना के किनारे ताजमहल क्यों बनवाया? यमुना तो दिल्ली में भी है. अगर नहीं, तो आइए जानते हैं इसके बारे में...

सात अजूबों में गिना जाता

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सात अजूबों में गिना जाता

ताजमहल एक विश्व प्रसिद्ध मकबरा है, जिसे मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में

बनवाया था. यह अपनी खूबसूरती और वास्तुकला के लिए जाना जाता है और इतना ही नहीं इसे दुनिया के सात अजूबों में गिना जाता है. 

कब बना था ताजमहल?

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कब बना था ताजमहल?

इसका निर्माण 1632 में शुरू हुआ था और 1653 में पूरा हुआ था, यानि इसे बनने में कुल 22 साल लगे थे. ऐसा बताया जाता है कि 20 हजार से ज्यादा मजदूरों, शिल्पकारों, वास्तुकारों और कारीगरों का अहम योगदान था.

कितना हुआ था खर्च?

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कितना हुआ था खर्च?

आपको बता दें कि ताजमहल बनवाने में उस समय लगभग 32 मिलियन रुपये खर्च हुए थे, जो आज के समय में लगभग 1 बिलियन डॉलर (8,300 करोड़) के बराबर है. 

आगरा में ताजमहल बनाने की वजह

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आगरा में ताजमहल बनाने की वजह

दरअसल, बताया जाता है कि उस वक्त शाहजहां का दरबार आगरा में ही था और मुगल साम्राज्य की राजधानी भी यही पर थी. इतना ही नहीं यहां पर यमुना नदी का बहाव उपयुक्त था, जो ताजमहल को सुंदर बनाता है. ऐसें में यही कारण रहा होगा की शाहजहां ने दिल्ली में ताजमहल ने बनाकर आगरा में ही बनवाने का फैसला लिया हो.  

Disclaimer

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Disclaimer

लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. 

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