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रामलला के पास होगा आपका आशियाना, सुविधाओं से लैस होगा नया शहर, इन चार गांवों की जमीनें बनीं 'सोने का खजाना'!

Ayodhya News: रामनगरी में आम जन के लिए भी आशियाने का द्वार खुलने जा रहा है. मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के तहत अयोध्या-बस्ती हाईवे पर एक नई और अत्याधुनिक आवासीय योजना की तैयारी जोरों पर है. आइए आपको बताते हैं इसकी अत्याधुनिक सुविधाओं के बारे में...

राम मंदिर से कितनी दूरी पर होगा?

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राम मंदिर से कितनी दूरी पर होगा?

यह योजना रामलला मंदिर से मात्र पांच किलोमीटर दूर होगी. लगभग 107 हेक्टेयर भूमि किसानों से खरीदकर या अधिग्रहण कर इस क्षेत्र को विकसित किया जाएगा, जिसमें 300 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है.

दूसरी बड़ी योजना

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दूसरी बड़ी योजना

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या विकास प्राधिकरण ने वशिष्ठ कुंज योजना की शुरुआत की थी. अब दूसरी योजना रिधौरा ग्राम के पास अयोध्या-बस्ती हाईवे पर लाई जा रही है. 

कितने गांव को होगी जमीने?

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कितने गांव को होगी जमीने?

इसमें 3-4 गांवों की जमीनें खरीदी जाएंगी. सहमति प्राप्त करने और सर्वे का कार्य पहले चरण में शुरू हो चुका है, जो किसानों की भागीदारी के साथ किया जा रहा है.

क्यों लिया गया ये फैसला?

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क्यों लिया गया ये फैसला?

राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या में घर बनाने की चाह रखने वालों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है. देश-विदेश से लोग यहां जमीन खरीदना चाहते हैं. इसी कारण शहर और आसपास की जमीनों के दाम तेजी से बढ़े हैं. जमीन की मांग इतनी अधिक हो गई है कि अब खरीदारों को जमीन ढूंढना भी मुश्किल हो गया है.

सुविधाओं से लैस होगा आवासीय क्षेत्र

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सुविधाओं से लैस होगा आवासीय क्षेत्र

इस आवासीय योजना में आवासीय व व्यावसायिक भूखंडों के साथ सड़क, नाली, बिजली, सीवर, जल आपूर्ति की टंकी, स्कूल, अस्पताल और पुलिस चौकी जैसी सुविधाओं का समावेश किया जाएगा. रिंग रोड बनने के बाद परिवहन के बेहतर विकल्प भी उपलब्ध होंगे. 

बजट प्रस्ताव और आगे की कार्यवाही

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बजट प्रस्ताव और आगे की कार्यवाही

अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने बताया कि इस योजना के लिए बजट प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है. कैबिनेट से मंजूरी मिलते ही प्रस्तावित बजट की 50 प्रतिशत राशि जारी हो जाएगी. इसके बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाई जाएगी, जिससे योजना जल्द जमीन पर उतर सकेगी.

Disclaimer

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Disclaimer

लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.

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