Uttarakhand Cloudburst Updates/हेमकांत नौटियाल:उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में 5 अगस्त को बादल फटने के बाद आई भीषण बाढ़ ने गांव को पूरी तरह मलबे में बदल दिया. खीरगंगा नदी में अचानक आए सैलाब ने महज 34 सेकेंड में धराली को जमींदोज कर दिया. अब तक 5 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. आइए जानते हैं अब तक कितने लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है.
वहीं बताया जा रहा है कि 100 से 150 लोग अब भी लापता हैं. मलबा हटाने और दबे लोगों की तलाश के लिए सेना एडवांस पेनिट्रेटिंग रडार का इस्तेमाल कर रही है, जो बिना खुदाई किए जमीन के नीचे 20-30 फीट तक मौजूद लोगों या शवों का पता लगा सकता है.
सड़क टूटने और पुल बहने से धराली का संपर्क कट गया है. हेलीकॉप्टरों और चिनूक विमानों से खाने-पीने का सामान भेजा जा रहा है. धराली और हर्षिल में 24 घंटे चलने वाले किचन बनाए गए हैं. पुलिस, SDRF, NDRF, ITBP, सेना, फायर और राजस्व विभाग की टीमें राहत और बचाव में लगी हैं. अब तक 52 लोगों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. वहीं मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक अब तक 650 टूरिस्ट-श्रद्धालुओं का रेस्क्यू किया जा चुका है.
घटना के तीन दिन बाद मोबाइल और इंटरनेट सेवा आंशिक रूप से बहाल हुई है. एयरटेल नेटवर्क शुरू होने से रेस्क्यू में तेजी आएगी. बिजली आपूर्ति ठप है और जनरेटर भेजा जा रहा है.
कुछ लोग पंचायत चुनाव में वोट डालने के लिए धराली से बाहर गए थे, जिससे उनकी जान बच गई. लेकिन उनके परिवार के सदस्य दीपक और सूरज राणा गांव में थे और बाढ़ में बह गए.
आपदा के बीच सोशल मीडिया पर सेना को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर देहरादून में हिंदू संगठनों ने नाराजगी जताई और मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
जिलाधिकारी प्रशांत कुमार आर्य लगातार मौके पर मौजूद हैं. आपदा पीड़ितों को तुरंत 5000 रुपये की सहायता राशि दी गई है और नुकसान व जनहानि का आंकलन शुरू कर दिया गया है.