Noida News: नोएडा वालों के लिए अच्छी खबर है. आपको बता दें जल्द ही जाम की समस्या से मुक्ति मिलने वाली है. नोएड़ा के इस जगह से इस जगह के बीच 5.5 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड रोड बनाया जाएगा. इसके लिए नोएड़ा प्राधिकरण 700 करोड़ रुपये खर्च करेगा. आइए आपको बताते हैं ये कहां से कहां तक बनेगा.
नोएडा में इस जगह से इस जगह के बीच 5.5 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड रोड बनाया जाएगा. जिससे भीड़भाड़ वाले इलाकों के ट्रैफिक जाम से राहत मिल सकेगी. जानकारी के अनुसार, जिससे 30 मिनट का सफर अब केवल 10 मिनट में तय हो सकेगा.
इस एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट पर लगभग 700 करोड़ रुपये की लागत आएगी. यह नोएडा प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत एक महत्वपूर्ण अवसंरचना परियोजना है जो शहर के ट्रैफिक प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए तैयार की गई है.
इस परियोजना की फिजिबिलिटी रिपोर्ट और डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार करने की जिम्मेदारी आईआईटी रुड़की को दी गई है. यह पहली बार है जब नोएडा प्राधिकरण ने किसी कंसल्टेंट के रूप में किसी प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्था को चुना है जो पूरे प्रोजेक्ट पर कार्य करेगी.
एलिवेटेड रोड बन जाने के बाद वाहन चालकों को ट्रैफिक सिग्नलों पर रुकने की जरूरत नहीं पड़ेगी. सीधा और बिना रुकावट के सफर मुमकिन होगा जिससे सेक्टर-3 से 57 तक का ट्रैफिक सुगम हो जाएगा. इससे न सिर्फ समय बचेगा, बल्कि ईधन की बचत और प्रदूषण में भी कमी आएगी.
फिलहाल इस मार्ग पर रजनीगंधा, सेक्टर-10, सेक्टर-12 चौड़ा मोड़ और सेक्टर-57 जैसी पांच रेड लाइट्स हैं, जिनसे रोजाना हजारों वाहन चालक गुजरते हैं. यहां पर बार-बार ट्रैफिक जाम लगता है, जिससे लोगों को 30 मिनट तक का सफर तय करना पड़ता है
दक्षिण दिल्ली से डीएनडी के माध्यम से आने वाले यात्री अब सीधे सेक्टर-57 तक पहुंच सकेंगे. एलिवेटेड रोड बनने से उन्हें शहर के जाम वाले क्षेत्रों से नहीं गुजरना पड़ेगा. इससे दिल्ली और नोएडा के बीच यात्रा करने वाले लोगों को भी बड़ा फायदा होगा और दोनों शहरों के बीच कनेक्टिविटी मजबूत होगी.
नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने इस परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी है. वर्क सर्किल-1 को यह कार्य सौंपा गया है. यह मंजूरी प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन की दिशा में एक बड़ा कदम है और इससे यह संकेत मिलता है कि प्राधिकरण इस योजना को गंभीरता से आगे बढ़ा रहा है.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.