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यूपी का अकेला जिला जिसके नाम में केवल दो अक्षर, बड़े-बड़े धुरंधर नहीं जानते होंगे नाम

उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर, संतकबीरनगर समेत कई जिलों के बारे में आपने सुना होगा. जिनके नाम में कई अक्षर आते हैं. लेकिन क्या आपको पता है यूपी में एक जिला ऐसा भी है, जिनके नाम में केवल दो अक्षर आते हैं. क्या आपको इस जिले का नाम मालूम है, अगर नहीं तो कोई बात नहीं.

यूपी में सबसे ज्यादा जिले

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यूपी में सबसे ज्यादा जिले

देशभर में 792 जिले हैं. यूपी में ही अकेले सबसे ज्यादा 75 जिले हैं. साथ ही क्षेत्रफल की दृष्टि से प्रदेश का चौथा स्थान है. यूपी का हर जिला किसी न किसी वजह से खास पहचान रखता है. यह अपनी संस्कृति, अनूठी परंपरा आदि की वजह से प्रसिद्ध है. 

 

किस जिले के नाम में कोई मात्रा नहीं

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किस जिले के नाम में कोई मात्रा नहीं

लेकिन क्या आप जानते हैं, उत्तर प्रदेश में एक ऐसा भी जिला है, जिसमें कोई मात्रा नहीं आती है. चलिए आइए जानते हैं. चलिए आपके लिए इस मुश्किल सवाल को थोड़ा आसान बना देते हैं. इस जिले के नाम में दो अक्षर आते हैं. क्या अब दिमाग में नाम आया?

 

जान लीजिए नाम

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जान लीजिए नाम

अगर नहीं तो बता दें कि यूपी के इस जिले का नाम मऊ है. जो पूर्वांचल में आता है.मऊ जिला आजमगढ़ मंडल में शामिल है. लखनऊ से मऊ की दूरी करीब 300 किलोमीटर है. 

15 सौ साल पुराना इतिहास

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15 सौ साल पुराना इतिहास

मऊ का ज्ञात अभिलेखीय इतिहास लगभग 1500 वर्ष पुराना है. 19 नवम्बर,1988 को पूरी हुई और प्रदेश के मानचित्र में एक अलग जनपद के रूप में मऊ का सृजन हुआ. कहा जाता है कि त्रेतायुग में महाराज दशरथ के शासनकाल में इस स्थान पर ऋषियों की तपोभूमि थी.

 

मऊ जिले के बारे में

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मऊ जिले के बारे में

मऊ जिला 1713 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. यहां चार विधानसभा क्षेत्र हैं.मऊ का मुख्यालय भी यहीं स्थित है. यह तमसा नदी किनारे बसा हुआ है. 2011 की जनगणना क मुताबिक यहां की आबादी करीब 22 लाख है. लिंगानुपात 979 है. 

 

डिस्क्लेमर

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डिस्क्लेमर

लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.

 

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