देशभर में 792 जिले हैं. यूपी में ही अकेले सबसे ज्यादा 75 जिले हैं. साथ ही क्षेत्रफल की दृष्टि से प्रदेश का चौथा स्थान है. यूपी का हर जिला किसी न किसी वजह से खास पहचान रखता है. यह अपनी संस्कृति, अनूठी परंपरा आदि की वजह से प्रसिद्ध है.
लेकिन क्या आप जानते हैं, उत्तर प्रदेश में एक ऐसा भी जिला है, जिसमें कोई मात्रा नहीं आती है. चलिए आइए जानते हैं. चलिए आपके लिए इस मुश्किल सवाल को थोड़ा आसान बना देते हैं. इस जिले के नाम में दो अक्षर आते हैं. क्या अब दिमाग में नाम आया?
अगर नहीं तो बता दें कि यूपी के इस जिले का नाम मऊ है. जो पूर्वांचल में आता है.मऊ जिला आजमगढ़ मंडल में शामिल है. लखनऊ से मऊ की दूरी करीब 300 किलोमीटर है.
मऊ का ज्ञात अभिलेखीय इतिहास लगभग 1500 वर्ष पुराना है. 19 नवम्बर,1988 को पूरी हुई और प्रदेश के मानचित्र में एक अलग जनपद के रूप में मऊ का सृजन हुआ. कहा जाता है कि त्रेतायुग में महाराज दशरथ के शासनकाल में इस स्थान पर ऋषियों की तपोभूमि थी.
मऊ जिला 1713 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. यहां चार विधानसभा क्षेत्र हैं.मऊ का मुख्यालय भी यहीं स्थित है. यह तमसा नदी किनारे बसा हुआ है. 2011 की जनगणना क मुताबिक यहां की आबादी करीब 22 लाख है. लिंगानुपात 979 है.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.