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यूपी के इस शहर को कहा जाता है सुहाग नगरी, उद्योग और विरासत से मिली है खास पहचान

उत्तर प्रदेश के कई शहर अपनी अनोखी खासियत और अनगिनत किस्सों के लिए जाने जाते हैं. हर शहर किसी न किसी चीज के लिए फेमस है, लेकिन क्या आपको पता है कि उत्तर प्रदेश में एक ऐसा भी शहर है, जिसे सुहाग नगरी भी कहा जाता है. आइये जानते हैं इस शहर को क्‍यों कहा जाता है सुहाग नगरी?

यूपी में सुहाग नगरी?

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यूपी में सुहाग नगरी?

अयोध्‍या को रामनगरी, काशी को शिव नगरी, प्रयागराज को संगमनगरी और मथुरा को कृष्‍ण नगरी कहा जाता है. इसी तरह आगरा से सटे फ‍िरोजाबाद को सुहाग नगरी कहा जाता है.  

सुहाग नगरी क्‍यों कहा जाता है?

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सुहाग नगरी क्‍यों कहा जाता है?

मुगल काल के समय से बसे इस शहर की चूड़‍ियां दुनियाभर में फेमस हैं. यहां की चूड़‍ियां देश ही नहीं विदेश में भी पहनी जाती हैं. यही वजह है कि इस शहर को सुहाग नगरी कहा जाता है. 

200 साल पुराना कारोबार

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200 साल पुराना कारोबार

आगरा से करीब 40 किलोमीटर और दिल्ली से लगभग 250 किलोमीटर दूरी पर बसा फ‍िरोजाबाद शहर कांच के कारोबार के लिए फेमस है. यहां चूड़‍ियों का कारोबारा 200 साल पुराना है. 

खास तरह की बनावट

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खास तरह की बनावट

यहां की चूड़‍ियां फेमस हैं तो उसकी वजह खास तरह की बनावट है. आज भी यहां चूड़‍ियां पुराने तरीके से यानी हाथों से बनाई जाती है. खुद ही रंग भी भरते हैं. 

कांच के बर्तन भी फेमस

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कांच के बर्तन भी फेमस

यहां चूड़ियों के अलावा कांच के खूबसूरत बर्तन भी बनते हैं. फ‍िरोजाबाद में 400 से अधिक ग्लास वर्क यूनिट हैं. इनमें से अधिकांश छोटे पैमाने पर औद्योगिक इकाइयों के अंतर्गत आते हैं. 

सोने-पीतल की चूड़‍ियां

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सोने-पीतल की चूड़‍ियां

चूड़‍ियां समाज में सुहाग की निशानी कहलाती है. फ‍िरोजाबाद में सोने, पीतल, चांदी और लाख की चूड़‍ियां भी बनाई जाती हैं. हालांकि, कांच की चूड़‍ियों की बात ही अलग है. 

कैसे बनाई जाती हैं चूड़‍ियां

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कैसे बनाई जाती हैं चूड़‍ियां

चूड़ी के कारखाने में भट्ठी में तकरीबन 1300 डिग्री ताप पर कांच के रूप में चूड़ी पिघलती है. इसके बाद रॉड पर खींची जाती है. हीरे से काट कर चूड़‍ियों का रूप दिया जाता है. 

चूड़ी का पहला कारखाना

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चूड़ी का पहला कारखाना

बता दें कि फिरोजाबाद में चूड़ी का पहला कारखाना रुस्तम जी ने शुरू किया था. धीरे-धीरे चूड़ी का कारोबार बढ़ता चला गया. पहले कोयले और लकड़ी से भट्ठी धधकती थी और ताप को मेंटेन करने में कई दिन लगते थे. 

सुबह 5 बजे से शुरू हो जाता है काम

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सुबह 5 बजे से शुरू हो जाता है काम

90 के दशक में कारखानों को नेचुरल गैस का कोटा मिला तो भट्ठियों की तापमान की समस्या खत्म हो गई. यहां रोजाना सुबह 5 बजे से ही चूड़‍ियां बनाने का काम शुरू हो जाता है. 

फ‍िरोजाबाद शहर का पुराना नाम?

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फ‍िरोजाबाद शहर का पुराना नाम?

चंदवार नगर को फ‍िरोजाबाद नाम फ‍िरोज शाह मनसब दार ने 1566 में अकबर के शासन काल में दिया था. इससे पहले फ‍िरोजाबाद का नाम चंदवार नगर था.  

डिस्क्लेमर

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डिस्क्लेमर

यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है.  zeeupuk इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है. तस्‍वीरें AI जनरेटेड हैं. 

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