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यूपी का इकलौता जिला जो 1947 में नहीं हुआ था आजाद, आधे से ज्यादा नहीं जानते होंगे नाम

15 अगस्त 1947 यह वह तारीख है, जो भारत के स्वर्णिम इतिहास में दर्ज है. भारत को इसी दिन ब्रिटिश हुकूमत से स्वतंत्रता मिलती थी. देशभर में हर साल इस दिन आजादी का जश्न मनाया जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि उत्तर प्रदेश में एक शहर ऐसा भी है, जो भारत के साथ आजाद नहीं हुआ था.

रामपुर शहर

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रामपुर शहर

यूपी के इस शहर का नाम है रामपुर. जिसको आजादी भारत की स्वतंत्रता के 2 साल बाद मिली थी. देशभर में आजादी का जश्न मनाया जा रहा था, लेकिन रामपुर शहर का माहौल बेहद अलग था. यहां आजादी के दिन कर्फ्यू लगा था. हिंसा का माहौल था.

 

खराब था शहर का माहौल

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खराब था शहर का माहौल

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रामपुर में माहौल इस कदर खराब हो चुका था कि हिंसा मं कई पुलिसकर्मियों की जान तक चली गई. उपद्रवियों ने हाईकोर्ट में भी आग लगा दी थी. साथ ही रियासत के गृहमंत्री की कार को भी आग लगाकर फूंक दिया था.

 

रामपुर कब हुआ आजाद?

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रामपुर कब हुआ आजाद?

भारत तो 15 अगस्त 1947 को ही आजाद हो गया लेकिन रामपुर जिले को आजादी 30 जून 1949 को मिली थी. जब रामपुर का विलय संयुक्त प्रांत में किया गया था. इसके बाद पश्चिमी खंड में इसको जिला बनाया गया था.

 

175 साल रहा नवाबों का शासन

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175 साल रहा नवाबों का शासन

भारत की आजादी के समय रामपुर में नवाबों की रियासत थी. जिसके आखिरी नवाब रजा अली खान थे. उन्होंने रामपुर रियासत के भारत में विलय पर सहमति देकर हस्ताक्षर किए थे. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो रामपुर में करीब 175 साल नवाबों का शासन रहा.

 

आजादी पर मनाया गया जश्न

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आजादी पर मनाया गया जश्न

वहीं, जब रामपुर को 30 जून 1949 को आजादी मिली तो शहर को दुल्हन की तरह सजाया गया था. शहर का माहौल ऐसा था कि मानों होली-दिवाली हो. आजादी पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों क आयोजन किया गया. और लोगों को आजादी से जुड़ी चीजों के बारे में बताया गया.

 

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