उत्तर प्रदेश देश का इकलौता ऐसा राज्य है, जहां सबसे ज्यादा 75 जिले आते हैं. जनसंख्या के मामले में भी यह राज्य शीर्ष पर आता है. इन्हीं 75 जिलों में से एक ऐसा भी शहर है जो देश की 24 घंटे के लिए राजधानी बना था. आइए जानते हैं इसके बारे में.
भारत की एक दिन की राजधानी बना शहर कोई और नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश का प्रयागराज (इलाहाबाद) जिला है. यह इकलौता ऐसा जिला है जो केवल 24 घंटे के लिए देश की राजधानी बना था.इलाहाबाद को भले सिर्फ एक दिन के लिए राजधानी बनने का गौरव हुआ हो, लेकिन इसके बाद यह घटना इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गई.
साल 1858 में उत्तर प्रदेश के इस जिले को देश की राजधानी बनने का तमगा हासिल हुआ था. उस समय यह उत्तर-पश्चिम प्रांत की राजधानी हुआ करता था. बता दें कि उत्तर-पश्चिम प्रांत बाद में संयुक्त प्रांत बन गया और बाद में 1950 में यह उत्तर प्रदेश बन गया. अब इसकी वजह भी जान लीजिए. दरअसल जब ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा देश का प्रशासन ब्रिटिश राजशाही को सौंप दिया गया था, तो इसे एक दिन के लिए देश की राजधानी घोषित किया गया था.
इसी दौरान इलाहाबाद में अंग्रेजों ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय की स्थापना की और इलाहाबाद उच्च न्यायालय का निर्माण कराया. साथ ही, सेना यमुना नदी के किनारे बने अकबर के किले में रुकती थी.
कोलकाता को राजधानी बनाने के बाद 12 दिसंबर 1912 को जॉर्ज पंचम की मौजूदगी में नई दिल्ली को देश की राजधानी घोषित किया गया. तब से नई दिल्ली का नाम देश की राजधानी के साथ जुड़ गया.
ये लेख सामान्य जानकारी, इंटरनेट पर उपलब्ध सामग्री और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.