Advertisement
trendingPhotos/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2852575
photoDetails0hindi

केदारनाथ के लिए बनेंगी 7 किमी लंबी सुरंग, अब किसी भी मौसम में कर सकेंगे यात्रा, 11 किमी छोटा होगा सफर

Kedarnath Dham News: केदारनाथ धाम की यात्रा को और सुरक्षित,सुगम और छोटा बनाने के लिए केंद्र सरकार 7 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाने की तैयारी कर रही है. इस सुरंग के निर्माण से न केवल केदारनाथ मंदिर पहुंचने के सफर 11 किलोमीटर कम हो जाएगा बल्कि आसान और सुरक्षित भी हो जाएगा. 

हर मौसम में यात्रा संभव, खतरे होंगे कम

1/7
हर मौसम में यात्रा संभव, खतरे होंगे कम

इस सुरंग के बन जाने से केदारनाथ यात्रा हर मौसम में सुगम हो सकेगी. अभी भारी बारिश और भूस्खलन के चलते रास्ता कई बार बंद करना पड़ता है. खासतौर पर जुलाई और अगस्त के महीनों में यह खतरा और बढ़ जाता है. 2013 की भयंकर त्रासदी और 2024 की बारिश में आई रुकावटों से सबक लेते हुए केंद्र सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है.

चौमासी से लिंचोली तक टनल, फिर मंदिर 5 किमी

2/7
चौमासी से लिंचोली तक टनल, फिर मंदिर 5 किमी

टनल उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में समुद्र तल से करीब 6562 फीट ऊंचाई पर बनाई जाएगी. यह चौमासी से शुरू होकर सीधे लिंचोली पहुंचेगी, जो केदारनाथ मंदिर से मात्र 5 किलोमीटर पहले है. खास बात यह है कि चौमासी तक पहले से पक्की सड़क है, वहां तक वाहन आसानी से पहुंच सकते हैं. इसके बाद श्रद्धालुओं को टनल पार कर केवल 5 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई करनी होगी.

पुराना रास्ता ज्यादा जोखिम भरा

3/7
पुराना रास्ता ज्यादा जोखिम भरा

इस समय गौरीकुंड से रामबाड़ा, फिर लिंचोली होते हुए केदारनाथ तक 16 किलोमीटर का पैदल ट्रैक है. रामबाड़ा और लिंचोली के बीच का क्षेत्र भूस्खलन जोन माना जाता है, जहां बार-बार प्राकृतिक आपदाएं आती रही हैं. पहले सुरंग रामबाड़ा से बननी थी, लेकिन क्षेत्र की कमजोर भूगर्भीय स्थिति के कारण यह योजना रद्द कर दी गई.

नया रूट ज्यादा सुरक्षित, सर्वे में मिली हरी झंडी

4/7
नया रूट ज्यादा सुरक्षित, सर्वे में मिली हरी झंडी

राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग के मुख्य अभियंता मुकेश परमार ने बताया कि टनल निर्माण के लिए कंसल्टेंट ने प्रारंभिक सर्वे पूरा कर लिया है और ड्राइंग केंद्र सरकार को सौंप दी गई है. पिछले साल एक विशेषज्ञ टीम ने चौमासी से खाम बुग्याल और लिंचोली तक का जमीनी सर्वेक्षण भी किया था. रिपोर्ट में कहा गया कि यह मार्ग कठोर चट्टानों से घिरा है और इसमें भूस्खलन की आशंका बेहद कम है.

रोपवे से भी बदलेगी यात्रा की तस्वीर

5/7
रोपवे से भी बदलेगी यात्रा की तस्वीर

केंद्र सरकार ने पहले ही सोनप्रयाग से केदारनाथ और गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक दो रोपवे प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक सोनप्रयाग से केदारनाथ की 12.9 किमी की यात्रा जो अभी 8-9 घंटे में पूरी होती है, वह रोपवे से मात्र 36 मिनट में हो सकेगी.  इसमें एक साथ 36 श्रद्धालु सफर कर सकेंगे.

चार धाम में सबसे कठिन, अब सबसे सुरक्षित

6/7
चार धाम में सबसे कठिन, अब सबसे सुरक्षित

केदारनाथ की यात्रा चार धामों में सबसे कठिन मानी जाती है. बारिश और भूस्खलन के चलते यहां हर साल हजारों श्रद्धालु यात्रा में फंसते हैं. पिछले साल अगस्त में हुई भारी बारिश और लैंडस्लाइड से 15 हजार यात्री रास्ते में फंसे थे और पांच की जान चली गई थी. नई सुरंग और रोपवे के निर्माण के बाद केदारनाथ यात्रा न सिर्फ आसान होगी, बल्कि पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित भी.

 

Disclaimer

7/7
Disclaimer

लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.

;