UP Politics: 2027 में बसपा की कमान संभालेंगे आकाश! दिल्ली की बैठक से धमाकेदार वापसी, मायावती ने किया ये बड़ा ऐलान
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UP Politics: 2027 में बसपा की कमान संभालेंगे आकाश! दिल्ली की बैठक से धमाकेदार वापसी, मायावती ने किया ये बड़ा ऐलान

UP Politics: दिल्ली में बहुजन समाज पार्टी की बड़ी बैठक हुई. यह बैठक बसपा सुप्रीमो मायावती की अध्यक्षता में हुई. इस बैठक में बसपा सुप्रीमो मायावती ने बड़ा ऐलान कर दिया है. पढ़िए पूरी डिटेल...

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UP Politics: दिल्ली में बसपा सुप्रीमो मायावती की अध्यक्षता में बहुजन समाज पार्टी की अहम बैठक हुई. इस बैठक में बसपा सुप्रीमो मायावती ने बड़ा ऐलान कर दिया है. उन्होंने आकाश आनंद को बड़ी जिम्मेदारी दी है. बसपा सुप्रीमो के ऐलान से आकाश आनंद की वापसी धमाकेदार मानी जा रही है. सूत्रों के हिसाब से मायावती ने आकाश आनंद को पार्टी का मुख्य नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाने का ऐलान किया है. इतना ही नहीं बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मायवाती ने उन्हें स्टार प्रचारक भी बनाया है.

दिल्ली में बसपा की बड़ी बैठक
आज की बैठक में बसपा की मुखिया मायावती के साथ उनके भतीजे आकाश आनंद भी नजर आए. हालांकि, इस बार उनकी जगह बदली नजर आई. अक्सर बसपा की बैठकों में मायावती से थोड़ी दूर पर नजर आने वाले आकाश आनंद, इस बार आम कार्यकर्ताओं के साथ नजर आए. उनके साथ पिता आनंद भी दिखे. इस बैठक में उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के जिला अध्यक्ष, कोऑर्डिनेटर शामिल हुए. वहीं, सारे नेशनल कोऑर्डिनेटर, जनरल सेक्रेटरी और सभी प्रदेश अध्यक्ष भी पहुंचे. बताया गया कि रविवार की बैठक का मुख्य फोकस यूपी, उत्तराखंड, पंजाब बिहार और तमिलनाडु था.

आकाश आनंद की भूमिका
माना जा रहा था कि यह बैठक बसपा के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने और आगामी चुनावों की रणनीति पर चर्चा के लिए अहम था. आकाश आनंद को कुछ समय पहले मायावती ने पार्टी की जिम्मेदारियों से हटा दिया था, लेकिन उनकी हालिया वापसी ने पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह पैदा किया है. सूत्रों का कहना है कि मायावती आकाश को युवा नेतृत्व के तौर पर आगे लाकर पार्टी को नई दिशा देना चाहती हैं. 

चुनावी रणनीति पर मंथन
बसपा की यह बैठक ऐसे समय में हुई, जब पार्टी उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में अपनी खोई जमीन को वापस पाने की कोशिश में है. मायावती इस मौके पर संगठनात्मक बदलाव, कार्यकर्ताओं की सक्रियता और जनता के बीच पार्टी की पहुंच बढ़ाने पर जोर दे सकती हैं. कहा जा रहा था कि बैठक में आगामी विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों में मिली हार की वजह पर भी मंथन हुआ. बसपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों की नजर इस बैठक पर टिकी थी.

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