उत्तर प्रदेश में अब वातानुकूलित (एसी) इलेक्ट्रिक बसों के संचालन का रास्ता साफ हो गया है. जल्द ही प्रदेश की सड़कों पर पर्यावरण के अनुकूल और आरामदायक बसें दौड़ती नजर आएंगी.
पहले चरण में कुल 50 इलेक्ट्रिक एसी बसें पांच मुख्य रूटों पर चलाई जाएंगी. इनमें लखनऊ-अयोध्या, कानपुर-प्रयागराज, अयोध्या-वाराणसी, कानपुर-रायबरेली और कानपुर-लखनऊ मार्ग शामिल हैं.
बुधवार को यूपी परिवहन निगम और मेसर्स आरजी मोबिलिटी के बीच इलेक्ट्रिक बस संचालन को लेकर एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ. यह करार परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह की देखरेख में संपन्न हुआ.
परिवहन मंत्री ने कहा कि ये बसें न सिर्फ यात्रियों को बेहतर सफर का अनुभव देंगी, बल्कि ये पूरी तरह प्रदूषण मुक्त होंगी. इससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होगा.
एमओयू के अनुसार, आरजी मोबिलिटी ही सभी जरूरी चार्जिंग स्टेशन, रखरखाव और अन्य सुविधाएं पांच महीनों के भीतर स्थापित करेगी. पावर कनेक्शन की जिम्मेदारी परिवहन निगम की होगी.
इन बसों के ड्राइवर आरजी मोबिलिटी करेगा, जबकि कंडक्टर यूपी परिवहन निगम के कर्मचारी होंगे और यात्रियों से किराया एसी बसों के मुताबिक लिया जाएगा.
इन बसों का संचालन रिवेन्यू शेयरिंग मोड पर होगा. निगम हर किलोमीटर पर ₹2.30 से ₹2.70 तक का प्रशासनिक शुल्क कंपनी से लेगा.
लखनऊ-अयोध्या (5), कानपुर-प्रयागराज (10), अयोध्या-वाराणसी (5), कानपुर-रायबरेली (15) और कानपुर-लखनऊ (15) पर कुल 50 बसें चलाई जाएंगी.
सभी तैयारियां पूरी होते ही इस साल के अंत तक ये इलेक्ट्रिक एसी बसें संचालन में आ जाएंगी. इससे न केवल पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि हरित ऊर्जा को भी बढ़ावा मिलेगा.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.