Lucknow Indira Dam: आपको यूपी में ऐसी शानदार जगहें देखने को मिल जाएंगी जहां आप जा सकते हैं. यूपी की राजधानी लखनऊ के एकदम पास ऐसा नजारा देखने को मिलेगा कि आप खुश हो जाएगा. यकीनन आप इस लेख को पढ़ने के बाद वहां जाना जरूर चाहेंगे.
आप उस जगह के बारे में सोचिए कि जहां पर एक नदी है और ऊपर से एक नहर गुजरती है. आपको ये अजीब लगेगा पर ऐसी जगह यूपी में ये नजारा देखने को मिल रहा है.
हम बात कर रहे हैं राजधानी लखनऊ से 20 किलोमीटर दूर स्थित इंदिरा डैम की जहां की तस्वीर मंत्र मुग्ध कर देगी.यहां गोमती नदी नीचे कल-कल कर बहती है और, उसके ऊपर से बहती है इंदिरा नहर.
यह नजारा न सिर्फ देखने में शानदार लगता है, बल्कि भारतीय इंजीनियरिंग का एक नायब नमूना भी है. लखनऊ से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित यह इलाका अब लोगों के लिए एक पसंदीदा घूमने की जगह बन चुका है.
दोनों ओर बने पुल और हरे-भरे प्राकृतिक दृश्य इसे परफेक्ट पिकनिक स्पॉट बना देते हैं. इस रास्ते से सुल्तानपुर और बनारस की ओर जाने वाले लोग भी गुजरते हैं, जिससे यहां हमेशा हलचल बनी रहती है.
इस नहर परियोजना की नींव 1958 में रखी गई थी. इसका मकसद उत्तर प्रदेश के 15 से 16 जिलों में जलापूर्ति करना था. 1975 में जब इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं, तो उन्होंने इस परियोजना को इंदिरा गांधी नहर परियोजना के तहत शुरू किया. उसी दौरान इस नहर का नाम 'इंदिरा नहर' पड़ा.
यह डैम दरअसल एक एक्वाडक्ट है, जिसमें नीचे की चौड़ाई करीब 35 मीटर और ऊपर की 45 मीटर है. तेज़ बहाव के बावजूद नहर का पानी बिना किसी रुकावट के गुजरता है. इसकी मजबूती के लिए इसमें छह कॉलम और दो पियर्स बनाए गए हैं.
यह परियोजना राजस्थान के उस मॉडल से प्रेरित थी, जिसमें सतलज और व्यास नदियों का पानी शुष्क इलाकों तक पहुंचाने की योजना बनी थी. उसी तरह उत्तर प्रदेश में भी इंदिरा नहर को कई ज़िलों तक ले जाया गया. आज यह नहर सुल्तानपुर, जगदीशपुर जैसे इलाकों में पीने का पानी भी पहुंचाती है.
ये जगह लखनऊ के पूर्वी इलाके में मौजूद है और हजरतगंज से 20 किलोमीटर की दूरी पर किसान पथ पर मौजूद है. यहां सुल्तानपुर-वाराणसी रोड के माध्यम से पंहुचा जा सकता है.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.