New Bridge Construction in UP: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में इन दिनों हो रही झमाझम बारिश ने कई विकास कार्यों की रफ्तार धीमी कर दी है. लेकिन खबर है कि फिर भी अगले जून तक यूपी को 16 करोड़ की लागत से एक नया पुल मिल सकता है. कहां बन रहा है ये पुल और अबतक कितना काम हुआ, आइये जानते हैं.
साईं नदी पर पुराने संकरे पुल की जगह नए सेतु का निर्माण उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम इकाई द्वितीय द्वारा कराया जा रहा है. यह सेतु भारी वाहनों के लिए बेहद अहम माना जाता है, लेकिन बरसात के चलते बीते एक सप्ताह से इसका काम ठप है. सबसे बड़ी बाधा सेतु के दोनों ओर रोड कनेक्टिविटी के लिए आवश्यक मिट्टी की आपूर्ति है, जो बारिश में मिल नहीं पा रही.
अधिकारियों के अनुसार, जबरेला सेतु की लंबाई 90.23 मीटर और चौड़ाई 10.50 मीटर तय की गई है. इस परियोजना की शुरुआत जमीन पर 18 नवंबर 2024 को की गई थी और निर्माण की निर्धारित अंतिम तिथि 30 जून 2026 रखी गई है.
लखनऊ और उन्नाव को जोड़ने वाले जबरेला घाट पुल के निर्माण की अनुमानित लागत 15.91 करोड़ रुपये बताई जा रही है. अभियंताओं का दावा है कि सेतु से जुड़ा अधिकतर कार्य नवंबर 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा.
बरसात के चलते निर्माण कार्य रुकने से पुराने सकरे पुल पर भारी वाहनों की आवाजाही महीनों से बंद है. यह सेतु खासतौर पर कानपुर, उन्नाव, रायबरेली, सुलतानपुर, प्रयागराज और बनारस की ओर जाने वाले वाहनों के लिए किफायती और व्यावहारिक मार्ग रहा है. लखनऊ से भी इस मार्ग के जरिए वाहन उन्नाव और कानपुर की ओर निकलते हैं.
यह मार्ग राज्य राजमार्ग है और यहां टोल नहीं देना पड़ता, जबकि लखनऊ-कानपुर हाईवे पर नवाबगंज के पास टोल वसूली होती है. ऐसे में दही चौकी से जबरेला होते हुए मोहनलालगंज जाने वाले वाहन चालकों को न सिर्फ टोल की बचत होती है बल्कि ईंधन और समय दोनों की भी बचत होती है.
स्थानीय लोग और वाहन चालक उम्मीद कर रहे हैं कि बरसात थमते ही निर्माण कार्य दोबारा शुरू होगा और जल्द ही यह पुल आम लोगों की आवाजाही के लिए खोल दिया जाए. फिलहाल, बरसात इस विकास यात्रा में सबसे बड़ी बाधा बनकर खड़ी है.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.