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रायबरेली से मऊ तक दौड़ेगा विकास, NH-128 और NH-128B का कायाकल्प शुरू, जानें कौन-से जिलों को होगा सीधा फायदा

पूर्वांचल से लेकर बुंदेलखंड तक अब सड़कें केवल रास्ता नहीं, विकास का माध्यम बनने जा रही हैं. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग-128 और 128B को फोर-लेन बनाने की दिशा में अहम कदम उठाया है.   

NH-128 और NH-128B का होगा चौड़ीकरण

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NH-128 और NH-128B का होगा चौड़ीकरण

रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, अम्बेडकरनगर और बांदा को जोड़ने वाले NH-128, और मऊ से फेफना होते हुए बिहार को जोड़ने वाले NH-128B की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) की प्रक्रिया अब रफ्तार पकड़ चुकी है.

सांसद किशोरी लाल शर्मा की पहल लाई रंग

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सांसद किशोरी लाल शर्मा की पहल लाई रंग

अमेठी के सांसद किशोरी लाल शर्मा की सक्रियता से NH-128 के चौड़ीकरण का रास्ता साफ हो गया है. 3 अप्रैल 2025 को लोकसभा के शून्यकाल में उन्होंने इस मुद्दे को प्राथमिकता से उठाया था. इसके बाद मंत्रालय हरकत में आया और 21 जुलाई 2025 को राज्य मंत्री अजय टम्टा ने पत्र जारी कर परियोजना के DPR की प्रक्रिया शुरू होने की पुष्टि की.

विकास की एक्सप्रेस

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विकास की एक्सप्रेस

किशोरी लाल शर्मा ने इसे क्षेत्र के लिए एक "विकास एक्सप्रेस" करार दिया, जो न केवल व्यापारिक आवागमन को सुगम बनाएगी, बल्कि शैक्षिक व औद्योगिक विकास में भी अहम भूमिका निभाएगी.

NH-128B: मऊ से फेफना तक सुपरफास्ट सफर

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NH-128B: मऊ से फेफना तक सुपरफास्ट सफर

मऊ से बलिया के फेफना तक 55 किलोमीटर लंबे NH-128B की हालत वर्षों से बदहाल थी. यह मार्ग मऊनाथ भंजन से चलकर बलिया मोड़, पहसा, हलधरपुर, रतनपुरा, रसड़ा और चिलकहर होते हुए बिहार तक पहुंचता है. अब एनएचएआई (NHAI) ने इस मार्ग के कायाकल्प के लिए DPR तैयार करने की स्वीकृति दे दी है.

कंपनी चयन की प्रक्रिया जल्द शुरू

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कंपनी चयन की प्रक्रिया जल्द शुरू

जल्द ही एक विशेषज्ञ कंपनी का चयन किया जाएगा जो मार्ग की चौड़ाई, ऊंचाई, ओवरब्रिज और लागत का आकलन करेगी. निर्माण के बाद यह सड़क बलिया, गाजीपुर, देवरिया से होते हुए बिहार की सीमाओं को मजबूत कनेक्टिविटी देगी. वर्षों से अधूरे रखरखाव और दो जिलों की सीमा में फंसे इस मार्ग को अब राष्ट्रीय पहचान मिल रही है.

सड़क नहीं, विकास की रीढ़

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सड़क नहीं, विकास की रीढ़

इन दोनों राजमार्गों के चौड़ीकरण से न केवल यातायात सुगम होगा, बल्कि लाखों लोगों की बहुप्रतीक्षित मांग भी पूरी होगी. व्यापार, परिवहन, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी जरूरतों तक पहुंच अब पहले से कहीं अधिक आसान हो सकेगी.

Disclaimer

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Disclaimer

लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.

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