UP News: बिल्डर की मनमानी पर नकेल, हाउसिंग प्रोजेक्ट में लेटलतीफी पर मोटा जुर्माना, यूपी रेरा ने बदल डाले पुराने नियम
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UP News: बिल्डर की मनमानी पर नकेल, हाउसिंग प्रोजेक्ट में लेटलतीफी पर मोटा जुर्माना, यूपी रेरा ने बदल डाले पुराने नियम

UP News: उत्तर प्रदेश के डेवलपर्स पर रेरा ने शिकंजा कस दी है. अगर अब हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में देरी हुई तो डेवलपर्स को भारी जुर्माना देना पड़ेगा. जानिए पूरी डिटेल...

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UP News: यूपी के बिल्डर्स को जोरदार झटका लगा है. प्रदेश में अब अगर हाउसिंग प्रोजेक्ट्स समय पर पूरा नहीं हुआ तो बिल्डर को भारी जुर्माना देना होगा. यूपी रेरा ने उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी (जनरल) रेग्युलेशन 2019 में कई बदलाव किए गए हैं. जिसमें सबसे जरुरी बदलाव तय समय पर प्रॉजेक्ट पूरा न करने वालों के लिए है. 

किसे कितना देना होगा जुर्माना?
नए नियमों के मुताबिक, अब प्रोजेक्ट पूरा होने के तीन महीने पहले डेवलपर को अतिरिक्त समय के लिए आवेदन करना पड़ेगा. अगर इसमें देरी हुई तो 10 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा. जबकि, तीन महीने से ज्यादा प्रोजेक्ट में देरी पर 20 हजार, 6 महीने की देरी पर 40 हजार, 9 महीने के देरी पर 60 हजार और 12 महीने से ज्यादा की देरी पर 80 हजार रुपये का जुर्माना देना पड़ेगा.

नए नियम में क्या हुआ बदलाव?
इसके अलावा प्रोजेक्ट की भौतिक प्रगति और उसके वित्तीय प्रबंधन का पूरा ब्योरा शपथपत्र के साथ जमा करना पड़ेगा. इस शपथपत्र के हिसाब से ही प्रोजेक्ट के लिए अतिरिक्त समय मिलेगा. इसके लिए आवेदन में तय समय से ज्यादा देरी होने पर जुर्माने के साथ एक लाख रुपये लेट फीस देनी पड़ेगी. आवेदन की प्रक्रिया में आवंटियों को भी शामिल करना पड़ेगा.

ये हुए हैं नए बदलाव
रिपोर्ट्स के मुताबिक, डेवलपर को प्रमोटर के तौर पर रजिस्ट्रेशन करवाने के साथ ही यूपी रेरा के वेव पोर्टल पर एक प्रमोटर प्रोफाइल बनानी होगी. उस पर रजिस्ट्रेशन के लिए प्रमोटर आवेदन कर पाएगा. इस पोर्टल पर प्रोजेक्ट के पूरा होने की समय सीमा, मौजूदा स्थिति के साथ निवेशक, भागीदार और आयकर रिटर्न की जानकारी मिलेगी. प्रोजेक्ट से जुड़े रियल एस्टेट एजेंट्स के साथ किए गए एग्रीमेंट की कॉपी भी अपलोड करनी पड़ेगी. किसी नए एजेंट को जोड़ने या पुराने को हटाने की जानकारी भी देनी पड़ेगी.

क्या करना होगा जरुरी?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रोजेक्ट के कंप्लीशन सर्टिफिकेट या ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट की कॉपी आवंटी को देना पड़ेगा. इसके अलावा जिस जिले में प्रोजेक्ट में होगा, वहां के तीन बैंकों में ही आवंटियों से ली गई रकम जमा करने के लिए अकाउंट खुलवाने पड़ेंगे. प्रोजेक्ट के निर्माण और जमीन खरीदने के लिए अलग बैंक अकाउंट खुलवाना पड़ेगा. आवंटियों से मिली रकम अलग बैंक अकाउंट में रखेंगे.

रियल एस्टेट एजेंट्स की ट्रेनिंग, सर्टिफिकेशन और रजिस्ट्रेशन के नियम भी ज्यादा पारदर्शी हो गए हैं. अब जो लोग रियल एस्टेट एजेंट के तौर पर काम करना चाहते हैं, वह खुद यूपी रेरा के वेब पोर्टल पर अपना प्रोफाइल बना पाएंगे.

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