वृंदावन में प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. इस पदयात्रा में करीब 8 लाख लोगों के पहुंचने से स्थिति गरमा गई. जानिए पूरी डिटेल...
Premanand Maharaj Padyatra Postponed: वृंदावन वाले प्रेमानंद जी महाराज की पदयात्रा उस वक्त स्थगित करनी पड़ी, जब निर्जला एकादशी पर करीब 8 लाख श्रद्धालु उनके आश्रम के आसपास जुट गए.
2 किलोमीटर के मार्ग में इतनी भीड़ जुटने की खबर ने पुलिस-प्रशासन को भी हैरान कर दिया. वहीं, संत प्रेमानंद महाराज को मामले की जानकारी हुई तो उन्होंने भगदड़ जैसी स्थिति न उत्पन्न हो, इसको लेकर पदयात्रा को स्थगित करने का फैसला लिया.
रात के करीब दो बजे उनके आश्रम की ओर से भक्तों को पदयात्रा स्थगित होने की जानकारी दी गई. इसके बाद भक्त निराश होकर अपने घरों की तरफ लौटने लगे. वीकेंड की वजह से भी संत प्रेमानंद महाराज का आश्रम आकर्षण का केंद्र बन गया था.
मथुरा में शनिवार को निर्जला एकादशी और वीकेंड के संयोग पर भक्तों का भारी सैलाब उमड़ पड़ा. बांके बिहारी मंदिर में दर्शन के लिए करीब 8 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंच गए. इससे दो किलोमीटर लंबी कतार लग गई.
मंदिर परिसर और आसपास की सड़कों पर भीषण भीड़ के चलते हालात बेकाबू हो गए. भीड़ को देखते हुए महाराज ने अपनी पदयात्रा स्थगित कर दी. रमणरेती पुलिस चौकी चौराहा सबसे ज्यादा प्रभावित रहा, जहां भीड़ ने सुरक्षा व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया.
ई-रिक्शा, ई-कार्ट और वाहनों की अधिकता के कारण हजारों श्रद्धालु जाम में फंस गए. भीषण गर्मी और उमस के बीच बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे बेहाल नजर आए. कई लोगों की तबीयत भी बिगड़ गई. केली कुंज से रात 2 बजे सेवादार माइक लेकर सड़कों पर उतरे.
सेवादार ने ऐलान किया कि अत्यधिक भीड़ के कारण भगदड़ की आशंका है, इसलिए महाराज की पदयात्रा स्थगित कर दी गई है. यह सुनते ही वहां मौजूद हजारों श्रद्धालु निराश होकर लौटने लगे. कई भक्त जम्मू से यहां संत प्रेमानंद महाराज के दर्शन के लिए पहुंचे थे.
महाराज की पदयात्रा को लेकर शुक्रवार रात 8 बजे से ही भक्त रंगोली सजाकर भजन-कीर्तन कर रहे थे. अचानक रात 2 बजे आई इस सूचना ने माहौल बदल दिया. रमणरेती चौराहे पर भीड़ से सांस लेना मुश्किल गया. बांके बिहारी मंदिर के बाहर जूते-चप्पलों का इतना बड़ा ढेर लग गया कि वहां से निकलना मुश्किल हो गया.
प्रबंधन ने तत्काल सफाईकर्मियों को बुलाया, जिन्होंने ठेलियों में भरकर इन जूते-चप्पलों को हटाया. मंदिर बंद होने के बाद श्रद्धालु अपने जूते-चप्पल तलाशते नजर आए. गर्मी में श्रद्धालु घंटों लाइन में खड़े रहे. पुलिस की व्यवस्था भीड़ को नियंत्रित करने में जूझती दिखी.