Guru Aniruddhacharya Wife: आज के समय में सेलेब्रिटी के साथ साथ संत भी सोशल मीडिया (Social Media) पर छाए रहते हैं. उनमें से एक हैं अनिरुद्धाचार्य जी महाराज. इनके बारे में तो ज्यादातर जानते हैं. क्या आप जानते हैं कि इनकी पत्नी कौन हैं और क्या करती है.
Aniruddhacharya Maharaj Wife Arti Tiwari: इस समय बहुत से कथावाचक हैं जो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब फेमस हो रहे हैं. हम बात कर रहे हैं वृंदावन के सुप्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज (Aniruddhacharya Ji Maharaj) जी की. अनिरुद्धाचार्य महाराज सोशल मीडिया पर अक्सर ही खबरों में रहते हैं. क्या आप जानते हैं, अनिरुद्धाचार्य महाराज की धर्मपत्नी कौन हैं वह क्या करती हैं?
वृंदावन में गौरी गोपाल वृद्धाश्रम चलाने वाले अनिरुद्धाचार्य महाराज शादीशुदा हैं और उनके 2 बच्चे भी हैं. उनकी पत्नी का नाम आरती तिवारी है.
अनिरुद्धाचार्य महाराज की पत्नी का नाम आरती तिवारी है. उन्हें भक्त गुरु मां के नाम से भी जानते हैं. आरती तिवारी भी अनिरुद्धाचार्य महाराज की तरह भजन गाती हैं और राधा-कृष्ण की भक्त हैं. अनिरुद्धाचार्य की तरह उनकी पत्नी आरती भी सोशल मीडिया पर बहुत एक्टिव रहती हैं. अनिरुद्धाचार्य महाराज की पत्नी आरती तिवारी बेहद आध्यात्मिक स्वभाव की है. वह अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पति और बेटों संग तस्वीर शेयर करती रहती हैं.
जैसे अनीरुद्धाचार्य महाराज राधा-कृष्ण के भक्त हैं, वैसे ही उनकी पत्नी आरती तिवारी भी भगवान की अनन्य भक्त हैं. गुरुमां आरती तिवारी भी भक्ति के मार्ग पर चलती हैं और एक भजन गायिका हैं. वे राधा-कृष्ण और श्रीराम के भजन गाती हैं और अक्सर अपने गाने के वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करती रहती हैं. उनके भजनों में भी गहरी श्रद्धा और भावनाएं देखने को मिलती हैं.
गुरुमां आरती तिवारी अपनी मधुर मुस्कान, सौम्य व्यक्तित्व और लंबी बिंदी के साथ हर किसी का ध्यान खींचती हैं. आरती तिवारी का सार्वजनिक जीवन भले ही बेहद शांत और निजी हो, लेकिन वह हमेशा महाराज जी के प्रवचनों और धार्मिक आयोजनों में सहभागी रही हैं.
अनीरुद्धाचार्य महाराज जी अपने ऑफिशल इंस्टाग्राम चैनल पर अक्सर पत्नी के साथ तस्वीरें शेयर करते हैं. वह अक्सर अपनी पत्नी के साथ पूजाओं में शामिल होते हैं.
वृंदाश्रम आश्रम के कार्यों में वह खासी सक्रिय रहती हैं. इस आश्रम में बुजुर्गों की देखरेख और सेवा की जाती है. इसके अलावा वे गौ सेवा और बंदर सेवा जैसे कार्यों भी करती हैं. वृंदावन में बंदरों की संख्या अधिक होने के कारण वे कई बार चोटिल या बीमार हो जाते हैं, जिनकी देखभाल का बीड़ा अनिरुद्धाचार्य महाराज और उनकी पत्नी ने उठाया है.
अनिरुद्धाचार्य को जन्म 27 सितंबर 1989 को मध्य प्रदेश के दमोह जिले मे रिंवझा नामक के गांव में हुआ था. उनका मूल नाम अनिरुद्ध तिवारी है. वह बचपन से ही श्री राधा-कृष्ण मंदिर में ठाकुर जी की सेवा किया करते थे. उनके पिता मंदिर के पुजारी थे और वह एक आध्यात्मिक माहौल में बड़े हुए. छोटी सी उम्र में ही उन्होंने रामचरितमानस और श्रीमद भागवत को पढ़ा है.