Smallest Village of UP: आपको यूपी के प्रत्येक जिले में हमें गांव देखने को मिल जाएंगे. क्या आप जानते हैं कि यूपी का सबसे छोटा गांव कौन-सा है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे...
भारत के गांवों को अक्सर "ग्रामीण भारत" या "असली भारत" कहा जाता है, क्योंकि यहां की संस्कृति, परंपराएं और जीवनशैली बहुत ही अनोखी और पारंपरिक होती है. गांवों में लोग प्रकृति के करीब रहते हैं और अपनी जड़ों से जुड़े रहते हैं. भारत का उत्तर प्रदेश इस कहावत को पूरी तरह हकीकत में उतारता है कि असली भारत गांवों में बसता है.
हम इस लेख में बात कर रहे हैं यूपी की...उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है. यह राज्य अपनी विविध संस्कृति और अनूठी परंपराओं के लिए जाना जाता है.
यूपी में 75 जिले हैं और हर जिले में हमें गांव देखने को मिल जाएंगे. क्या आप जानते हैं कि यूपी का सबसे छोटा गांव कौन-सा है, अगर नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे.
उत्तर प्रदेश का सबसे छोटा गांव भुड़िया है. यह गाजियाबाद के हापुड़ उपजिले में आता है. भुड़िया गांव की आबादी 1,272 है. यह उपजिले के क्षेत्रफल का 76वां सबसे छोटा गांव है. ऐसे में गांव का जनसंख्या घनत्व प्रति किलोमीटर 260 व्यक्ति है.
उत्तर प्रदेश का यह गांव सिर्फ दो किलोमीटर में ही खत्म हो जाता है. यहां की आबादी की बात करें, तो गावं की आबादी 1272 दर्ज की गई थी। ऐसे में गांव का जनसंख्या घनत्व प्रति किलोमीटर 260 व्यक्ति है।
गांव के बारे में कहा जाता है कि 1615 में बैसला के तीन बुजुर्गों ने हरियाणा का बडोली गांव छोड़ दिया था, जिसमें दो मेरठ में बस गए, जबकि एक भूजिया के पास गांव दहिरपुर राजजपुर में जाकर बस गए.
1755 के करीब यहां के ग्रामीणों ने जाटों के साथ युद्ध किया और भूड़िया गांव को स्थापित किया था. इस गांव में आज अधिकांश गुर्जर समाज के लोग रहते हैं. गांव का सबसे नजदीकी शहर गुलावती है और भुडिया गांव से गुलावती तक दूरी 10 किमी है.
उत्तर प्रदेश का सबसे छोटा जिला हापुड़ है. यह जिला 660 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. हापुड़ जिले को 2011 में गाजियाबाद से अलग करके बनाया गया था. 2012 में इसका नाम बदलकर हापुड़ कर दिया गया. यूपी का सबसे छोटा गांव भी इसी जिले में है.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.